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अजीत डोभाल ने अपने ईरानी समकक्ष के साथ आतंकवाद से लड़ने में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की

© Photo : Twitter/IRNAIndia's National Security Advisor Ajit Doval holds talks with secretary of the Supreme National Security Council of Iran Ali Shamkhani
India's National Security Advisor Ajit Doval holds talks with secretary of the Supreme National Security Council of Iran Ali Shamkhani - Sputnik भारत, 1920, 02.05.2023
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ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार शामखानी ने दोनों देशों के बीच व्यापार और विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए रुपया-रियाल तंत्र को सक्रिय करने पर जोर दिया।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने ईरान के दौरे पर अपने ईरानी समकक्ष अली शामखानी के साथ चाबहार बंदरगाह के विकास, अफगानिस्तान की स्थिति और द्विपक्षीय व्यापार-आर्थिक जुड़ाव पर बातचीत की।
दोनों देशों ने बहुपक्षवाद, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को आगे और आतंकवाद से लड़ने में सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सोमवार को तेहरान की एक दिवसीय यात्रा के बाद बयान पर हस्ताक्षर किेये।
मीडिया एजेंसी के अनुसार, डोभाल ने कहा कि भारत चाबहार पोर्ट को ईरान के साथ सहयोग बढ़ाने के जरिए के रूप में देखता है और नई दिल्ली मौजूदा मुद्दों के हल के लिए चर्चा करने को तैयार है। NSA ने यह भी कहा कि भारत, अफगानिस्तान में एक जिम्मेदार और समावेशी सरकार के पक्ष में है।
India’s National Security Advisor Ajit Doval - Sputnik भारत, 1920, 01.05.2023
राजनीति
भारत और ईरान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की तेहरान में वार्ता: मीडिया
यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले हुई, जो इस सप्ताह भारत के गोवा में आयोजित होने वाला है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष के वार्षिक शिखर सम्मेलन में ईरान को SCO का पूर्ण सदस्य बनने की उम्मीद है।
नई दिल्ली और तेहरान चाबहार बंदरगाह परियोजना के तेजी से काम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसमें भारत और ईरान दोनों ही के लिए एक प्रमुख परिवहन केंद्र के रूप में बंदरगाह का विकास शामिल है।पिछले महीने, ईरानी दूत इराज इलाही ने भी चाबहार बंदरगाह परियोजना के तेजी से कार्यान्वयन के महत्व पर पुरजोर बल दिया।
पिछले महीने, इलाही ने दोनों देशों के बीच कच्चे तेल के व्यापार की वकालत करते हुए कहा था कि भारत एक उभरती हुई शक्ति है जो पश्चिमी देशों के दबाव को आसानी से झेल सकता है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि ईरान भी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के ब्रिक्स ब्लॉक में शामिल होने का इच्छुक है। तेहरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिक्स में ईरानी सदस्यता दोनों पक्षों के लिए फायदे का सौदा है ।
ईरान के पास पश्चिम एशिया के तेल भंडार का एक चौथाई हिस्सा है लेकिन लंबे समय से अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी ब्लॉक द्वारा बहिष्कार किया गया है।
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