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रुपए में भुगतान से विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने में मदद: स्वदेशी जागरण मंच

© AP Photo / Channi AnandFILE- In this Nov. 13, 2016 file photo, an Indian holds 2000 rupee currency notes in Jammu, India
FILE- In this Nov. 13, 2016 file photo, an Indian holds 2000 rupee currency notes in Jammu, India - Sputnik भारत, 1920, 05.06.2023
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31 मार्च, 2023 को घोषित विदेश व्यापार नीति के अनुसार वर्ष 2030 तक 2000 अरब डॉलर के माल और सेवाओं के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है। माना जा रहा है कि यह लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच की महाराष्ट्र के पुणे में 3 और 4 जून को हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद संगठन की ओर से स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ अश्वनी महाजन ने बयान जारी करते हुए बताया कि भारतीय रुपये में व्यापार के निपटान से बढ़ते वैश्विक आर्थिक जोखिमों के बीच कीमती विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने में मदद मिल सकती है।
उन्होंने बताया कि अब तक, भारतीय बैंकों ने UK, न्यूजीलैंड, जर्मनी, मलेशिया, इजरायल, रूस और संयुक्त अरब अमीरात सहित 19 देशों के साथ 'विशेष वोस्ट्रो खाते' खोले हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जुलाई, 2022 में एक परिपत्र के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं के आयात और निर्यात के भारतीय रुपये में निपटान की अनुमति दी थी। यह भारतीय निर्यात को बढ़ावा देकर भारतीय रुपये को मजबूत करने का समर्थन करना था।
भारत ने पिछले साल दिसंबर के महीने में पहली बार कच्चे तेल के बदले रूस को भारतीय रुपये में भुगतान किया। इससे भारतीय रुपए पर बाजार से लगातार बढ़ती दर पर डॉलर खरीदने का कुछ दबाव कम हुआ। इस निर्णय के साथ दुनिया के कई देश जो भारत से आयात करना चाहते थे लेकिन डॉलर की कमी उनके सामने आ रही थी, अब वे अपने आयात के लिए भारतीय रुपए में भुगतान कर सकते हैं।
 - Sputnik भारत, 1920, 14.03.2023
विश्व
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भारतीय रुपये में चालान, भुगतान और निर्यात रुपए में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निपटान की अनुमति देने के लिए विदेश व्यापार नीति में भी अनुरूप परिवर्तन किए गए हैं।
2014 में, जब भारत का सकल घरेलू उत्पाद 2000 अरब अमेरिकी डॉलर था, तो हमारी वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात सिर्फ़ 452.3 अरब डॉलर का था। और अभी, देश की जीडीपी 3.4 ट्रिलियन और निर्यात 767 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।
इस रुपये के व्यापार की नई पहल के साथ ऐसा अनुमान है कि देश की जीडीपी 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी।
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