व्यापार और अर्थव्यवस्था

डी-डॉलरकरण: 2023 में भारत और चीन के साथ रूस के व्यापार का 95% भुगतान राष्ट्रीय मुद्राओं में था

© Sputnik / Alexey SuhorukovThe 200, 2000 and 5000 ruble banknotes.
The 200, 2000 and 5000 ruble banknotes. - Sputnik भारत, 1920, 12.02.2024
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इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) के महासचिव तात्याना मोनाघन के दिए विवरण के अनुसार, पिछले साल 2023 में भारत और चीन के साथ रूस के व्यापार में राष्ट्रीय मुद्राओं में भुगतान की हिस्सेदारी 95% थी।
जैसा कि आईसीसी ने बताया है, यदि जनवरी-दिसंबर 2021 में विदेशी देशों के साथ रूसी संघ के निर्यात समझौतों में अमित्र देशों की मुद्राओं का हिस्सा 85.6% था, तो पिछले साल जनवरी-मई में यह केवल 34.1% था।

इसी अवधि में रूबल की हिस्सेदारी बढ़कर 39.1% हो गई, और मित्र देशों की मुद्राओं की हिस्सेदारी 26.9% हो गई, जैसा कि जानकारी में बताया गया है।

वहीं, जानकारी के मुताबिक, 2023 में रूस के विदेशी व्यापार में मित्र देशों की हिस्सेदारी 75% से अधिक हो गई है।

भारत-रूस व्यापार

भारत और रूस पुराने और समय-परीक्षित साझेदार रहे हैं। दोनों देशों ने राजनीति, सुरक्षा, रक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों से लोगों के बीच संबंध जैसे क्षेत्रों में सहयोग बनाए रखा है।
भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने दिसंबर में कहा कि भारत में हाइड्रोकार्बन की मजबूत मांग के कारण जनवरी-सितंबर के दौरान भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होकर लगभग 50 अरब डॉलर हो गया है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-2024 की पहली दो तिमाहियों के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार में साल-दर-साल 200% से अधिक की वृद्धि हुई है।
वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार 49.36 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। भारतीय निर्यात 3.14 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जबकि रूस से आयात 46.21 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था।
Embassy of India in Russia - Sputnik भारत, 1920, 08.02.2024
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