ईरान ने व्यापार संबंधों के विस्तार में भारत, रूस और चीन को प्राथमिकता देने की वकालत की
© Photo : Office of the Iranian Supreme Leader via APIn this photo released by the official website of the office of the Iranian supreme leader, Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei waves to the crowd during his meeting with a group of people and officials in Tehran, Iran, Friday, March 21, 2025.

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ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देते हुए व्यापार संबंधों का विस्तार किया जाना चाहिए। एशिया में आर्थिक केंद्र माने जाने वाले देशों जैसे चीन, रूस और भारत के साथ आर्थिक संबंधों को सुगम बनाया जाना चाहिए।
इससे पहले ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने चेतावनी दी कि यदि अमेरिका या उसके सहयोगी देश उनके देश पर बमबारी करते हैं तो इसका जोरदार जवाब दिया जाएगा।
यह धमकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा दी गई उस धमकी के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर कोई समझौता नहीं होता है तो ईरान को इसका मुंहतोड़ जवाब देना होगा। इस बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर तेहरान और वाशिंगटन के मध्य अप्रत्यक्ष वार्ता पिछले शनिवार को मस्कट में आरंभ हुई, जो लंबे समय से चल रहे गतिरोध और बढ़ते तनाव के बाद शुरू हुई थी।
यह धमकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा दी गई उस धमकी के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर कोई समझौता नहीं होता है तो ईरान को इसका मुंहतोड़ जवाब देना होगा। इस बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर तेहरान और वाशिंगटन के मध्य अप्रत्यक्ष वार्ता पिछले शनिवार को मस्कट में आरंभ हुई, जो लंबे समय से चल रहे गतिरोध और बढ़ते तनाव के बाद शुरू हुई थी।
तेहरान ने कहा कि वार्ता का पहला दौर “आपसी सम्मान पर आधारित रचनात्मक वातावरण” में आयोजित किया गया था। ईरान ने दशकों से इस बात पर जोर दिया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है। ईरान अब यूरेनियम को हथियार-ग्रेड स्तर के लगभग 60% तक संवर्धित कर रहा है, ऐसा करने वाला ईरान विश्व का एकमात्र देश है जिसके पास परमाणु हथियार कार्यक्रम नहीं है।
ईरान के सर्वोच्च नेता के सलाहकार अली लारीजानी ने एक टेलीविज़न साक्षात्कार में चेतावनी दी है कि उनके देश में परमाणु हथियार बनाने की क्षमता है, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहा है और उसे अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के निरीक्षणों से कोई समस्या नहीं है।
बता दें कि दोनों देशों के बीच आधी सदी से चली आ रही दुश्मनी के बीच बातचीत का महत्व और भी बढ़ गया है। ट्रम्प ने बार-बार यह धमकी दी है कि अगर कोई समझौता नहीं हुआ तो वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर हवाई हमले करेंगे। ईरानी अधिकारी लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि वे अपने यूरेनियम भंडार को हथियार-स्तर के स्तर तक समृद्ध करके परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर सकते हैं।