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मास्को चिड़ियाघर में जानवर सर्दियों में क्या करते हैं?

बहुत लोग सोचते हैं कि सर्दियों में चिड़ियाघर जाने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि सभी जानवर सोते हैं। लोगों को ऐसा लगता है कि सर्दियों में चिड़ियाघर में सिर्फ सफेद बर्फ, खालीपन और सन्नाटा दिखाई देते हैं।
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लेकिन मास्को चिड़ियाघर पूरे वर्ष खुला रहता है। वह 150 साल पहले खोला गया था और उसको आगंतुकों के लिए कभी बंद नहीं किया गया है। वहाँ जानवरों की सिर्फ लगभग दस प्रजातियाँ सो जाती हैं, लेकिन बाकी सब दूसरे जानवरों को सर्दियों में भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। तो सर्दियों में जानवर क्या करते हैं और चिड़ियाघर के कर्मचारी कैसे जानवरों को ठंड से बचने में मदद करते हैं?
इन जानवरों को सर्दी पसंद है।
बर्फऔर ठंड के बावजूद, पहाड़ी बकरियां लगातारखुली हवा में रहतीहैं, उन्हें गर्म कमरेकी जरूरत कभी नहींहोती। वे तेज हवा और बर्फ से पत्थरों के बिच छिप जाती हैं।
याक क्योंकि पहाड़ों की कठोर और ठंडी जलवायु के आदी हैं इसलिए वे भी बिना गर्म कमरेके मास्को की सर्दियों में बड़ी आसानी से रहते हैं, । इसके अलावा, लिंक्स, कूगर, बाघ, तेंदुए, भेड़िये और आर्कटिक लोमड़ी भी गर्म कमरे में रहना पसंद नहीं करते ।
जल के पक्षी भी बिना गर्म कमरेके रहते हैं। गर्मियों की तुलना में सर्दियों में चिड़ियाघर के तालाबों पर अधिक पक्षी होते हैं, और भी मॉस्को के बहुत सारे क्षेत्रों से बहुत सारे बतख और हंस आदि पक्षी सर्दियों में वहां रहने के लिए आ जाते हैं। जब मौसम बहुत ठंडा हो जाता है, शक्तिशाली कम्प्रेसर तालाबों में पानीको जमने न देने में मदद करती हैं। और विशेष ढालें ​​पक्षियों को सर्द हवा से बचाती हैं।
जो जानवर गर्म कमरोंमें रहना पसंद नहींकरते हैं, उनको हवा से बचाने के लिए चिड़ियाघर के कर्मचारी उन जानवरों के आराम के पसंदीदा स्थानों में घास बिछा दिया करते हैं।
इन अफ़्रीकी और एशियाई जानवरों को भी सर्दी पसंद है।
बहुतअफ़्रीकी और एशियाई जानवरनए जलवायु में अच्छीतरह से रहते हैं।इसका कारण यह है कि चिड़ियाघर में रहने वाले अधिकांश जानवर वहीं पर ही पैदा हुए हैं, इसलिएवे उन प्राकृतिक परिस्थितियों से परिचित नहीं हैं, जो उनकी प्रजाति के लिए साधारण है ।
उदाहरणके लिए, भारतीय जंगलों का निवासी- बंगाल टाइगरबर्फ में लेटने का आनंद लेता है। अफ्रीकी सवाना के निवासी- चीता को ठंड मौसम के समय खुली हवा में दौड़ना बहुतपसंद है। इन सबके बावजूद भी ये सभी जानवरसर्दियों की रातों को गर्म कमरों में हीबिताते हैं।
जब तक सर्दियों में मास्को का मौसम बहुत ठंडानहीं हुआ होता है, तब तक जेब्रा और जिराफ़ भी खुली हवा में टहलते हैं।क्यूंकी सर्दियों में जिराफ के पैर बर्फ के कारण अक्सर फिसलतेहैं, और गिरने से उनको गंभीर चोटेंलगने की संभावना होती हैं, इसलिए उन्हें सर्दियों में बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाती ।
इन जानवरों के लिए शीतनिष्क्रियता ज़रूरी है।
कई जानवरों के लिए शीतनिष्क्रियता ज़रूरी है, लेकिन अगर वे चिड़ियाघर में रहते हैं, तो सर्दियों में बहुतखाना खाने और गर्म कमरे में रहनेकी स्थिति में, वे बिना शीतनिष्क्रियता से भी बचे रह सकते हैं। मास्को चिड़ियाघर के कर्मचारी चाहते हैं कि जानवर अपनाजीवन उन प्राकृतिक परिस्थितियों में बिताएं, जो उनके लिए साधारणहोती हैं। शीतनिष्क्रियता उनकेलिए महत्वपूर्ण है, इसलिएमास्को चिड़ियाघर के कर्मचारी इसके लिए जानवरों के लिए एक खास तैयारी करते हैं।
भूरेभालू सर्दियों में सोतेहैं। चिड़ियाघर में सभी भालुओं के लिए सर्दी महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि सर्दियों में ही मादा भालू बच्चों को जन्म देती है।
जेर्बोए भी सर्दियों में सोतेहैं, और शीतनिष्क्रियता के समय उन्हें सूखीघास वाले घरों में रखा जाता है, जिनको बाद में प्लसचार डिग्री तक के तापमान वाले विशेषरेफ्रिजरेटर में रखा जाताहै। हर हफ्ते मास्कोचिड़ियाघर के कर्मचारी उनकीसमीक्षा करते हैं। अगर कुछ ठीक नहींहै, तो उन्हें कृत्रिम रूप से जगाया भी जाता है।
चमगादड़ भी मास्को चिड़ियाघर में सर्दियों के समय रहकर वहां सोतेहैं। शीतनिष्क्रियता से पहले चिड़ियाघर के कर्मचारी उन्हें शरीर की आवश्यक वजन बढ़ानेमें मदद करते हैं।
इन जानवरों के लिए सर्दियों में कुछ नहीं बदलता।
चिड़ियाघर के अधिकांश जानवरों के लिए सर्दियों में कुछ भी नहीं बदलता है। उदाहरणके लिए, उन में से मास्को चिड़ियाघर के टेरारियम के निवासी हैं। स्थानीय सांप, इगुआना और मगरमच्छ हमेशास्थिर तापमान और आर्द्रता की स्थिति में रहते हैं।
इसकेअलावा, चिड़ियाघर मास्को के उन कुछ स्थानों में से एक है जहाँ गर्मी कभी खत्म नहीं होतीहै। गोरिल्ला, ओरंगउटान, तोते और मेंढक पूरे वर्ष विभिन्न प्रकार के ऐसे विशेषकमरों में रहते हैं, जहां पर परिस्थितियां कृत्रिम रूप से उष्णकटिबंधीय जलवायु के बराबर की हुई होती हैं।
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