क्रेमलिन ने अपने बयान में कहा कि विशेषाधिकृत रूसी-भारतीय रणनीतिक साझेदारी के सिद्धांतों को लेकर विकसित होने वाले द्विपक्षीय सहयोग के उच्च स्तर पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए, नेताओं ने आपसी निवेश, ऊर्जा, कृषि, यातायात और संचालन जैसे क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग की संभावनाओं जैसे मुद्देों पर विस्तार से विशेष चर्चा की।"
बयान में कहा गया है कि मोदी के अनुरोध पर पुतिन ने यूक्रेनी दिशा में रूस की रेखा के संदर्भ में मौलिक आकलन भी दिया।
इसके साथ भारतीय प्रधान मंत्री के कार्यालय ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति के साथ भारत की जी20 अध्यक्षता की जानकारी साझा करके उसकी मुख्य प्राथमिकताओं पर ज़ोर दिया। यूक्रेनी संकट को लेकर नरेंद्र मोदी ने कूटनीति और संवाद का समर्थन करने की तैयारी जताई।
इसके अलावा नेताओं ने जी20 और शंघाई सहयोग संगठन में भारत की अध्यक्षता को ध्यान में रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में घनिष्ठ समन्वय जारी रखने के महत्व की ओर ध्यान आकर्षित किया।
याद रखें कि फरवरी 2022 से, भारत ने रूसी तेल की खरीदी में वृद्धि की है और रूस के खिलाफ प्रतिबंधों में शामिल होने से इनकार भी कर दिया है। इसके अलावा, भारत ने न केवल रूस से तेल और विभिन्न उत्पादों की खरीदारी में वृद्धि की है, बल्कि इसका उद्देश्य रूस को अपने माल का निर्यात भी बढ़ाना है। भारतीय विदेश मंत्री ने इस बारे में कहा कि यह एक उचित नीति है, चूंकि भारत उस दिशा में आगे बढ़ रहा है जहां उसे अपने राष्ट्रीयहित के तहत अपने लोगों के हित में सबसे अच्छा सौदा मिलता है ।