भारत-रूस संबंध
मॉसको-दिल्ली रिश्तों की दैनिक सूचना। चिरस्थायी संबंधों को गहराई से देखें!

"रूस न केवल तेल की आपूर्ति कर सकता है" – व्यापार प्रतिनिधि

© AP PhotoThe tanker Sun Arrows loads its cargo of liquefied natural gas from the Sakhalin-2 project in the port of Prigorodnoye, Russia, on Friday, Oct. 29, 2021.
The tanker Sun Arrows loads its cargo of liquefied natural gas from the Sakhalin-2 project in the port of Prigorodnoye, Russia, on Friday, Oct. 29, 2021. - Sputnik भारत, 1920, 14.12.2022
सब्सक्राइब करें
मास्को 'रूस और भारत' के बीच विभिन्न क्षेत्रों में अंतरक्षेत्रीय साझेदारी के विकास में से एक लीडर बन चुका है। भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपॉव ने टीएएसएस बिजनेस फोरम पर टिप्पणी करते हुए कहा। इसमें मास्को से सरकारी प्रतिनिधिमंडल भी भाग ले रहा है।
“वर्तमान काल की आवश्यकता कोध्यान में रखते हुए, मास्को डिजिटलीकरण, सूचना एवं संचार प्रोद्योगिकी, अभियांत्रिकी, फार्मास्यूटिकल्स, निर्माण, संभार तंत्र और दुसरे क्षेत्रों में अति-आधुनिक और उच्च प्रौद्योगिकी तकनीकों और अभिनव समाधानों पर केंद्रित साझेदारी और गहरी करना और द्विपक्षीय वार्ता को और विकसित करने की पहल कर रहा है।" अलीपॉव ने कहा।
उन्होंने इस पर ध्यान देकर कहा कि मास्को न सिर्फ दिल्लीीं से बल्कि, लेकिन भारत के दूसरे राज्य्रों से भी संबंध बढ़ा रहा है।
“यह महत्त्वपूर्ण हैं कि रूस और भारत की साझेदारी का भूगोल सिर्फ नई दिल्लीे तक सीमित नहीं है, हालांकि यह इसका बहुत महत्त्वपूर्ण भाग है। मुंबई, केरल और अन्य अन्य राज्यों के महानगर भी सुर्खियों में हैं, इसके के अलावा विभिन्न व्यावसायिक परियोजनाओं और मानवीय संबंध बढ़ाने के कार्यक्रमों पर भी ध्यान दियाा जाना है,” रूसी राजदूत ने कहा ।

“रूस न केवल तेल की आपूर्ति कर सकता है।”

U.S. President Joe Biden meets with Indian Prime Minister Narendra Modi during the Quad leaders summit at Kantei Palace, Tuesday, May 24, 2022, in Tokyo. - Sputnik भारत, 1920, 13.12.2022
विश्व
व्हाइट हाउस के अधिकारी के अनुसार भारत अमेरिका का सहयोगी नहीं बनेगा।
भारत में रूसी व्यापारिक प्रतिनिधि प्रोफेसर. अलेक्जेंडर रिबास ने मंच के किनारे पर रूसी पत्रकारों को कहा कि अंतरक्षेत्रीय संबंध के विकास और संबंध बढ़ाना बहुता ज्यादा आवश्यक है।
“अंतरक्षेत्रीय संबंध हमारे कारोबार और निवेश के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का एक अतिरिक्त स्रोत है। यह स्पष्ट ही है की मास्को की क्षमता कितनी बड़ी है। कहा जा सकता है कि केवल यह अकेला ही रूस की 15 प्रतिशत आर्थिक क्षमता बाला महानगर है। जरूर, हम आशा करते है कि ऐसा दौेरा सिलसिलेेतन विभिन्न क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर के लिए जारी रहेगी ,” रिबास ने कहा।
उन्होंने और भी कहा कि रूस न केवल तेल की आपूर्ति कर सकता है बल्कि इसके पास दूसरे उत्पाद और दूसरी संभावनाएं भी हैं।
“ हमें और भी बिभिन्न क्षेत्रों में काम करना जरूरी है । यह जगजाहिर है की कैसे हवाई अड्डे बनाने, ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है । भारत कमर कसकर एक समृद्ध और बेहतर भविष्य की और दौाड रहा है, और हमें इसमें भारत को शक्तिशाली और फलता -फूलता देश बनने में सहायता करने का तरीका ढूंढना चाहिए। और इसमें भारत को हमें समृद्धि की और बढ़ने में मदद करनी होगी,” व्यापारिक प्रतिनिधि ने कहा।
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала