गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें भारत के नागरिक उड़ानों में यात्रा करते समय सिखों को कृपाण ले जाने की अनुमति का विरोध किया गया था।
वकील हर्ष विभोर सिंघल द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) में 4 मार्च को जारी केंद्र की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी, जिसमें सिख यात्रियों को भारत में कहीं भी यात्रा करते समय विमान में नियत लम्बाई की कृपाण ले जाने की अनुमति दी गई थी।
वकील हर्ष विभोर सिंघल द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) में 4 मार्च को जारी केंद्र की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी, जिसमें सिख यात्रियों को भारत में कहीं भी यात्रा करते समय विमान में नियत लम्बाई की कृपाण ले जाने की अनुमति दी गई थी।
15 दिसंबर को हाईकोर्ट ने याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा : "हम इस तरह के नीतिगत निर्णय में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। यह भारत सरकार का नीतिगत निर्णय है।"
याचिकाकर्ता ने अदालत से इस मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए हितधारकों की एक समिति गठित करने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने कहा "सरकार ने एक नीति लेकर आई है, तो हमें इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, जब तक कि यह मनमाना न हो।"
याचिकाकर्ता ने अदालत से इस मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए हितधारकों की एक समिति गठित करने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने कहा "सरकार ने एक नीति लेकर आई है, तो हमें इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, जब तक कि यह मनमाना न हो।"