हाईकोर्ट ने विमानों में सिखों को कृपाण ले जाने की अनुमति का विरोध करने वाली याचिका को की खारिज
© AP Photo / MANISH SWARUPA Sikh priest displays a Kirpan, ceremonial Sikh sword, at the launch of the Khalsa series of Kirpans by the Swiss Army Knife maker Victorinox, for the global market in New Delhi, India, Wednesday, Sept.1, 2004.
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सिख धर्म में कृपाण चाकू की तरह का एक धार्मिक वस्तु है। यह पंच ककार में शामिल है। सिख धर्म से जुड़े हर व्यक्ति को इन्हें धारण करना अनिवार्य होता है।
गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें भारत के नागरिक उड़ानों में यात्रा करते समय सिखों को कृपाण ले जाने की अनुमति का विरोध किया गया था।
वकील हर्ष विभोर सिंघल द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) में 4 मार्च को जारी केंद्र की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी, जिसमें सिख यात्रियों को भारत में कहीं भी यात्रा करते समय विमान में नियत लम्बाई की कृपाण ले जाने की अनुमति दी गई थी।
वकील हर्ष विभोर सिंघल द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) में 4 मार्च को जारी केंद्र की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी, जिसमें सिख यात्रियों को भारत में कहीं भी यात्रा करते समय विमान में नियत लम्बाई की कृपाण ले जाने की अनुमति दी गई थी।
15 दिसंबर को हाईकोर्ट ने याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा : "हम इस तरह के नीतिगत निर्णय में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। यह भारत सरकार का नीतिगत निर्णय है।"
याचिकाकर्ता ने अदालत से इस मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए हितधारकों की एक समिति गठित करने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने कहा "सरकार ने एक नीति लेकर आई है, तो हमें इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, जब तक कि यह मनमाना न हो।"
याचिकाकर्ता ने अदालत से इस मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए हितधारकों की एक समिति गठित करने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने कहा "सरकार ने एक नीति लेकर आई है, तो हमें इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, जब तक कि यह मनमाना न हो।"