तालिबान ने सोमवार को पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर इस्लामाबाद अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान** (टीटीपी) आतंकवादी समूह के खिलाफ अभियान शुरू करेगा तो वह जवाब देगा।
यह चेतावनी तब दी गई जब पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि अगर अफ़ग़ानिस्तान की सरकार टीटीपी को हटाने के लिए कार्रवाई करने में असफल रही तो इस्लामाबाद अफगानिस्तान में इस समूह को निशाना बना सकेगा।
राणा ने कहा, "जब ये समस्याएं सामने आती हैं, तो हम सबसे पहले अपने इस्लामिक भाई राष्ट्र अफगानिस्तान से इन ठिकानों को नष्ट करने और इन व्यक्तियों को हमें सौंपने को कहते हैं। लेकिन अगर यह नहीं होता है, तो आपने जिसका ज़िक्र किया है (अफगानिस्तान में अभियान), वह संभव होता है।"
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने उन टिप्पणियों को "भड़काऊ और निराधार" समझकर कहा कि उनकी वजह से दोनों देशों के बीच "भाईचारे" के अच्छे संबंधों को नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
तालिबान ने यह भी बताया कि टीटीपी के केंद्र अफगानिस्तान के बजाय पाकिस्तान में ही हैं।
अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम अपनी मातृभूमि की क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए तैयार हैं। और यह उल्लेखनीय है कि हमें अपने देश की रक्षा करने का किसी से बेहतर अनुभव है।"
तालिबान ने अनुरोध किया है कि किसी भी चिंता या समस्या का समाधान सहमति और संचार की मदद से किया जाए।
इस्लामाबाद में स्थित पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (पीआईसाएसएस) नामक थिंक टैंक की सांख्यिकी के अनुसार, नवंबर की तुलना में दिसंबर 2022 में आतंकवादी हमलों की संख्या 44 प्रतिशत अधिक थी।
*संयुकर राष्ट्र ने आतंकवाद के लिए प्रतिबंधित है।
*संयुकर राष्ट्र ने आतंकवाद के लिए प्रतिबंधित है।
**रूस में प्रतिबंधित है।