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अमेरिका को 'खुश' करने के कारण पाकिस्तान के खिलाफ हमलों की प्रतिबंधित टीटीपी की चेतावनी

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी)* की चेतावनी आतंकी समूह के लिए एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि अब तक वह केवल देश के सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की कोशिश की है।
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प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन को जिहादी समूह के नेतृत्व को निशाना बनाने के इस्लामाबाद के हालिया बयानों के प्रतिशोध में संभावित हमलों की चेतावनी दी है। पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन में दो प्रमुख राजनीतिक समूह शामिल हैं - प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपल्ज़ पार्टी (पीपीपी)। पीएमएल-एन का नेतृत्व पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ कर रहे हैं, जो प्रधानमंत्री के बड़े भाई हैं।
बुधवार को जारी एक बयान में टीटीपी ने प्रधानमंत्री शरीफ की सरकार पर अमेरिका को 'खुश' करने के लिए समूह के खिलाफ 'युद्ध की घोषणा' करने का आरोप लगाया है।
समूह ने पाकिस्तानी राजनीति में अन्य धार्मिक दलों को चेतावनी दी कि वे सरकार की नीतियों का पक्ष न लें अन्यथा उन्हें प्रतिशोध का सामना करना पड़ेगा। टीटीपी ने अपने संदेश में यह दावा किया कि "टीटीपी का जिहादी क्षेत्र केवल पाकिस्तान है" और आतंकवादी समूह का प्राथमिक लक्ष्य देश की "सुरक्षा एजेंसियां" रही हैं। इसने प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ पर पाकिस्तानी सेना का "गुलाम" होने का आरोप लगाया।
समूह ने विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की भी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने टीटीपी के खिलाफ खुले तौर पर युद्ध की घोषणा करने से अमेरिका को अपनी "माँ" मान ली है।
टीटीपी का बयान इस से एक दिन बाद आया है जब भुट्टो ने आतंकवादी समूह के साथ किसी भी तरह की बातचीत से इंकार कर दिया, क्योंकि टीटीपी ने जून 2022 से युद्धविराम को समाप्त करने की घोषणा के बाद से पूरे पाकिस्तान में सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं। पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि इस्लामाबाद तालिबान ** के साथ अफगान क्षेत्र में टीटीपी की संचालित गतिविधियों पर सबूत साझा करेगा।
काबुल ने इस दावे को लगातार खारिज किया है कि टीटीपी अफगानिस्तान में स्थित है, भले ही संयुक्त राष्ट्र (UN) ने बताया है कि समूह का नेतृत्व नांगरहार प्रांत में स्थित है। तालिबान के मुख्य प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने मंगलवार को पाकिस्तान पर काबुल के खिलाफ "भड़काऊ" बयान देने का आरोप लगाया, इस्लामाबाद के उन दावों का हवाला करते हुए कि टीटीपी को तालिबान का समर्थन प्राप्त है।
टीटीपी के बढ़ते हमलों के बीच प्रधानमंत्री शरीफ ने इस सप्ताह इस्लामाबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की बैठक की। उस बैठक के बाद, शरीफ ने आतंकवाद के प्रति "शून्य-सहिष्णुता नीति" की घोषणा की। टीटीपी, जिसे पाकिस्तान तालिबान के रूप में भी जाना जाता है, अफगान तालिबान की एक शाखा है और पाकिस्तान में शरिया (इस्लामी कानून) स्थापित करने का उसका एक घोषित लक्ष्य है।
टीटीपी ने इस सप्ताह कहा कि उसने 2022 में पूरे पाकिस्तान में लगभग 367 हमले किए, जिनमें से अधिकांश खैबर पख्तूनख्वा (KP) प्रांत में किये गये थे। समूह ने यह दावा किया कि उन हमलों में 445 से अधिक पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई।

अमेरिका ने पाकिस्तान के अपनी रक्षा के अधिकार का समर्थन किया

टीटीपी की चेतावनी अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा एक बार फिर हिंसा में वृद्धि के बीच आतंकवादी हमलों से खुद को बचाने के इस्लामाबाद के अधिकार का समर्थन करने के कई घंटों बाद आई है।
विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक ब्रीफिंग में कहा कि, "पाकिस्तानी लोगों ने आतंकवादी हमलों से काफी नुकसान उठाया है। पाकिस्तान को आतंकवाद से अपनी रक्षा करने का अधिकार है।"
अमेरिकी अधिकारी ने एक बार फिर तालिबान से फरवरी 2020 में दोहा में शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के दौरान की गई प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने का आग्रह किया, जिन में से तीसरे देशों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफगान क्षेत्र को लॉन्चपैड के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति न देना शामिल है।
*तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) रूस में प्रतिबंधित एक आतंकवादी समूह है।
** तालिबान आतंकवाद के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित है।
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