कश्मीर
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भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में जवाबी कार्रवाई के दौरान दो आतंकवादियों को किया ढेर

भारत ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में स्थानीय हिंदू समुदाय को आश्वासन दिया है कि वह हाल के हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को न्याय दिलाएगा।
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सेना ने रविवार को एक बयान में कहा कि भारतीय सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में नागरिकों पर हाल के घातक हमलों के लिए जिम्मेदार दो आतंकवादियों को मार गिराया है।
भारतीय सेना के बयान में यह भी कहा गया कि नियंत्रण रेखा यानी भारत-पाकिस्तान सीमा के पास बालाकोट सेक्टर में कार्रवाई अभी भी चल रही है।
पिछले हफ्ते राजौरी जिले के धंगरी गांव में आतंकवादियों द्वारा चार स्थानीय लोगों को गोली मारने के बाद से भारतीय सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इस हत्या के बाद अगले दिन पीड़ितों के घर पर सुधारित विस्फोटक उपकरण (आईईडी) के विस्फोट के कारण दो और लोगों की मौत हुई।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बाद में आईईडी के विस्फोट के कारण एक अन्य व्यक्ति की मौत हुई। कुल मिलाकर सात लोग मारे जा चुके हैं, जो सब हिंदू थे।
जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में हिंदू अल्पसंख्यक हैं। हालाँकि, जम्मू क्षेत्र में स्थित राजौरी जिले में वे बहुसंख्यक हैं।
प्रतिबंधित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जीईएम) ने कथित तौर पर हाल की हत्याओं की जिम्मेदारी ली है। नई दिल्ली का मानना है कि वह इस्लामाबाद द्वारा समर्थित है।

भारतीय सरकार ने इन घटनाओं पे तीखी प्रतिक्रिया दी। आतंकवाद विरोधी अभियानों को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी॰आर॰पी॰एफ॰) की 18 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया। एक कंपनी में आम तौर पर 120 सैनिक हैं।

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि स्थानीय लोगों को उग्रवादियों से लड़ने में मदद देने के लिए राजौरी जिले में ग्राम आत्मरक्षा समितियों को सेल्फ-लोडिंग राइफलें दी जाएंगी।
सिन्हा ने घोषणा की कि हाल के आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों को वित्तीय मुआवजा और सरकारी नौकरी भी दी जाएंगी।
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