इन विशेषज्ञों के अनुसार, कई म्यूटेशनों की वजह से कुछ मच्छरों पर अब पाइरेथ्रॉइड-आधारित रसायनों का असर नहीं पड़ता।
कई मामलों में मच्छरों का इन रसायनों का प्रतिरोध "हजार गुना बढ़ गया है"।
कई मामलों में मच्छरों का इन रसायनों का प्रतिरोध "हजार गुना बढ़ गया है"।
अध्ययन में कहा गया है, "आम तौर पर लगभग 100 प्रतिशत मच्छरों को मारने वाले इन्सेक्टिसाइडों की मात्रा से अब केवल 7 प्रतिशत मच्छर मरते हैं। रसायनों की दस खुराकों का प्रयोग करने के बाद भी केवल 30 प्रतिशत बहुत प्रतिरोधी मच्छर म्यूटेंट मर गए।"
वैज्ञानिकों का कहना है कि लोगों को मच्छर म्यूटन्टों से "संघर्ष करने के लिए नए तरीकों के बारे में तत्काल सोचना चाहिए"। वैज्ञानिकों ने कई समाधानों का सुझाव दिया है, जिनमें से मच्छरों से लड़ने के लिए ज्यादा रसायनों को बनाना है ताकि लोग उनका प्रयोग इन्सेक्टिसाइडों के साथ करके म्यूटैशन की संभावना को कम कर सकें।