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भारतीय वैज्ञानिक खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए चूहे साइबोर्गों को बनाएंगे
भारतीय वैज्ञानिक खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए चूहे साइबोर्गों को बनाएंगे
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सुरक्षा बलों की मदद के लिए चूहे साइबोर्गों पर काम किया जाता हे।
2023-01-09T19:44+0530
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भारत की प्रिमियर रिसर्च एजेंसी ने बताया है कि वह सुरक्षा बलों को मदद देने के लिए "चूहे साइबोर्गों" पर काम कर रही है।रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की युवा वैज्ञानिक प्रयोगशाला (डीवाईएसएल-सीटी) के निदेशक पी. शिव प्रसाद ने कहा कि यह पहली बार है जब भारतीय वैज्ञानिक इस तरह के साइबोर्ग को बना रहे हैं।प्रसाद ने आगे कहा कि दूसरे चरण के परीक्षण के दौरान चूहे के सिर पर कथित तौर पर वायरलेस कैमरे लगाए जाते हैं।चूहे साइबोर्गों का इस्तेमाल करने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वे 26/11 आतंकी हमले जैसी स्थिति में खुफिया सेवा को होटल के कमरों की तलाशी लेने में मदद दे सकते हैं।26 नवंबर, 2011 को, पाकिस्तान में स्थित लश्कर-ए-तैयबा* समूह के भारी हथियारों से लैस दस आतंकवादियों ने ताज होटल सहित मुंबई भर में कई स्थानों पर हमला किया था। उस दिन मुंबई में 29 विदेशियों समेत कुल 175 लोगों की मौत हुई थी। मृत लोगों में से 20 सुरक्षाकर्मी और 9 हमलावर थे।रिमोट-नियंत्रित रोबोटों के बारे में बात करते हुए प्रसाद ने कहा कि आईएसआर अभियानों में हिस्सा लेनेवाले लोगों को दीवारों पर चढ़ने और छोटी जगहों में प्रवेश करने में समस्याएं मिलती हैं, लेकिन चूहे उनका समाधान हो सकते हैं।*लश्कर-ए-तैयबा रूस और अन्य राज्यों में प्रतिबंधित है।
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भारत की प्रिमियर रिसर्च एजेंसी, चूहे साइबोर्ग, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, डीआरडीओ, युवा वैज्ञानिक प्रयोगशाला, डीवाईएसएल-सीटी, युवा वैज्ञानिक प्रयोगशाला के निदेशक पी. शिव प्रसाद, रिमोट-नियंत्रित रोबोट
भारत की प्रिमियर रिसर्च एजेंसी, चूहे साइबोर्ग, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, डीआरडीओ, युवा वैज्ञानिक प्रयोगशाला, डीवाईएसएल-सीटी, युवा वैज्ञानिक प्रयोगशाला के निदेशक पी. शिव प्रसाद, रिमोट-नियंत्रित रोबोट
भारतीय वैज्ञानिक खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए चूहे साइबोर्गों को बनाएंगे
19:44 09.01.2023 (अपडेटेड: 16:30 23.01.2023) वैज्ञानिक कथित तौर पर चूहे के सिर पर कैमरा लगाएंगे और अर्ध-इन्वैसिव मस्तिष्क इलेक्ट्रोडों के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक आदेश देते हुए चूहों पर नियंत्रण करेंगे।
भारत की प्रिमियर रिसर्च एजेंसी ने बताया है कि वह सुरक्षा बलों को मदद देने के लिए "चूहे साइबोर्गों" पर काम कर रही है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की युवा वैज्ञानिक प्रयोगशाला (डीवाईएसएल-सीटी) के निदेशक पी. शिव प्रसाद ने कहा कि यह पहली बार है जब भारतीय वैज्ञानिक इस तरह के साइबोर्ग को बना रहे हैं।
प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि "कुछ देशों के पास अब यह [प्रौद्योगिकी] है। यह सशस्त्र बलों को खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) के अभियानों में मदद देगी। पहले चरण का परीक्षण किया जा रहा है, जिसके दौरान ऑपरेटर के आदेशों के माध्यम से चूहे को नियंत्रित किया जाएगा।"
प्रसाद ने आगे कहा कि दूसरे चरण के परीक्षण के दौरान चूहे के सिर पर कथित तौर पर वायरलेस कैमरे लगाए जाते हैं।
चूहे साइबोर्गों का इस्तेमाल करने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वे 26/11 आतंकी हमले जैसी स्थिति में खुफिया सेवा को होटल के कमरों की तलाशी लेने में मदद दे सकते हैं।
26 नवंबर, 2011 को, पाकिस्तान में स्थित
लश्कर-ए-तैयबा* समूह के भारी हथियारों से लैस दस आतंकवादियों ने ताज होटल सहित मुंबई भर में कई स्थानों पर हमला किया था।
उस दिन मुंबई में 29 विदेशियों समेत कुल 175 लोगों की मौत हुई थी। मृत लोगों में से 20 सुरक्षाकर्मी और 9 हमलावर थे।
रिमोट-नियंत्रित रोबोटों के बारे में बात करते हुए प्रसाद ने कहा कि आईएसआर अभियानों में हिस्सा लेनेवाले लोगों को दीवारों पर चढ़ने और छोटी जगहों में प्रवेश करने में समस्याएं मिलती हैं, लेकिन चूहे उनका समाधान हो सकते हैं।
*लश्कर-ए-तैयबा रूस और अन्य राज्यों में प्रतिबंधित है।