भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को पत्र लिखकर कहा है कि वह श्रीलंका की ऋण पुनर्गठन योजना का समर्थन करेगा, इस मामले से परिचित स्रोत ने बताया।
विदित है कि संकटग्रस्त द्वीप राष्ट्र वैश्विक ऋणदाता से 2.9 बिलियन डॉलर बेलआउट सुरक्षित करने के लिए संघर्ष कर रहा है।
दरअसल श्रीलंका को सबसे बड़े द्विपक्षीय ऋणदाता IMF से 2.9 अरब डॉलर के ऋण समझौते तक पहुंचने के लिए चीन और भारत के समर्थन की आवश्यकता है।
यह ऋण द्वीप देश की बदहाल अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए आवश्यक है।
दो एशियाई देश भारत और चीन, द्वीप राष्ट्र के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार भी हैं, जिनका साल 2021 में द्विपक्षीय व्यापार लगभग पांच बिलियन डॉलर का है।
दो एशियाई देश भारत और चीन, द्वीप राष्ट्र के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार भी हैं, जिनका साल 2021 में द्विपक्षीय व्यापार लगभग पांच बिलियन डॉलर का है।
इस बीच श्रीलंका के कैबिनेट प्रवक्ता बंडुला गुणावर्धना ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, "श्रीलंका के कर्ज पुनर्गठन के लिए भारत और चीन सहित द्विपक्षीय उधारदाताओं के साथ बातचीत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और हम साल 2023 की पहली तिमाही में IMF से समर्थन को अंतिम रूप देने की उम्मीद कर रहे हैं।"
बता दें कि IMF ने कहा है श्रीलंका को लेनदारों से पहले वित्तपोषण आश्वासन सुरक्षित करना होगा, अपने भारी कर्ज के बोझ को स्थायी समाधान के रास्ते पर लाना होगा और सार्वजनिक राजस्व में वृद्धि करनी होगी।