भारतीय मीडिया ने गुरुवार को गुप्त स्रोतों के हवाले से रिपोर्ट की कि दिल्ली पुलिस द्वारा पहले पकड़े गए आतंकवादी नौशाद अली ने दावा किया है कि उसको और उसके सहयोगियों को पंजाब राज्य में "दक्षिणपंथी हिंदू नेताओं" पर हमला करने का निर्देश दिया गया था, और उसने दो बार पाकिस्तान जाने की कोशिश की थी, लेकिन असफल हुआ।
पुलिस की पूछताछ के दौरान नौशाद अली ने कहा कि वह और उसका सहयोगी जगजीत सिंह उर्फ़ जग्गा हरकत-उल-अंसार और हिजबुल मुजाहिदीन नामक आतंकी समूहों के पाकिस्तानी हैंडलरों के संपर्क में थे।
नौशाद ने पुलिस को यह भी बताया कि उसे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा* के खास सदस्य असफाक उर्फ आरिफ से भी नियमित तौर पर निर्देश मिलते थे।
नौशाद अली कौन है?
नौशाद 27 सालों तक पाकिस्तानी आतंकी समूहों के आतंकियों से मिलता रहा।
2018 में 25 सालों के बाद जेल से निकलकर नौशाद को नदीम द्वारा जिहाद पर साथ-साथ काम करने के लिए हरकत-उल-अंसार का दर्जा दिया था। बाद में पाकिस्तानी आतंकवादी सुहैल, जिसका पूरा नाम किसी को मालूम नहीं है, कथित तौर पर उसको उसके काम करने से संबंधित निर्देश दिए।
2019 में नौशाद ने दावा किया कि वह पाकिस्तान जाने का रास्ता खोजने के लिए दो बार नेपाल गया था। हालांकि वह इसमें असफल रहा, क्योंकि रिपोर्टों के अनुसार जिस नेपाली अधिकारी की मदद से वह अपना नेपाली पासपोर्ट बनवाने की कोशिश की थी, उसे भ्रष्टाचार के आरोप के कारण गिरफ्तार किया गया था।
भारत में 26 जनवरी को गणराज्य दिवस मनाने से पहले सब शहरों में सुरक्षा बालों की संख्या बढ़ी गई है।
*रूस में प्रतिबंधित