इसी सिलसिले में, भारत ने आगामी बैठक में चीन और पाकिस्तान सहित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सभी सदस्यों को औपचारिक रूप से निमंत्रण भेजे हैं।
बैठक का आयोजन 4-5 मई को देश के तटीय राज्य गोवा में किया जाएगा। आमंत्रण में चीन के विदेश मंत्री किन गैंग और पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो शामिल हैं।
"अभी तक पाकिस्तानी पक्ष की ओर से इस बात की पुष्टि नहीं पाई गई कि विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो बैठक में शामिल होंगे या नहीं," स्थानीय मीडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया।
मालूम रहे कि पाकिस्तान ने इस महीने के आखिर में मुंबई में होने वाले SCO फिल्म महूतसाव में हिस्सा नहीं लिया है। जबकि सभी सदस्य देशों ने प्रविष्टियां भेजी हैं, पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जिसने समूह के तीसरे ऐसे फिल्म समारोह में स्क्रीनिंग के लिए कोई फिल्म नहीं भेजी।
"केवल एक ऐसा SCO सदस्य देश है, जिस से प्रविष्टियां प्राप्त नहीं हुई हैं, कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है," सूचना एवं प्रसारण की अतिरिक्त सचिव नीरजा शेखर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा।
दरअसल आतंकवाद के मुद्दों के संबंध में दोनों देशों के बीच संबंध कई वर्षों से अनिश्चित रहे हैं। भारत सीमा पार से आतंकवाद बंद करने का आवाज उठाता रहा है वहीँ इस्लामाबाद किसी भी वार्ता के लिए जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहा है।
यदि पाकिस्तान की ओर से गोवा में होने वाली इस बैठक में हिस्सा लेने का फैसला किया जाता है तो विगत 12 वर्षों के दौरान यह पहला मौका होगा जब पाकिस्तान के कोई मंत्री भारत के दौरे पर आएंगे। इससे पहले साल 2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खान ने भारत का दौरा किया था, उसके बाद किसी पाकिस्तानी मंत्री ने भारत की यात्रा नहीं की है।
विदित है कि SCO एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना साल 2001 में रूस, चीन, कजाखस्तान, किर्गिज़स्तान, तजाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान ने की थी। वर्ष 2017 में भारत और पाकिस्तान को संगठन में शामिल किया गया था। शंघाई सहयोग संगठन की पिछली बैठक उज़्बेकिस्तान के समरकंद में हुई थी।