सर्गेई चेमेज़ोव ने कहा, "छोटे ड्रोन भी बनाए जा रहे हैं जो जानकारी इकट्ठी करने में और स्वचालित रूप से दुश्मन की तलाश करने में सक्षम हैं। वे हथगोले गिरा सकते हैं और एकजुट होकर हमला कर सकते हैं। इस तकनीक ने विशेष सैन्य अभियान चलाने में बड़ा बदलाव लाया है।"
इसके साथ चेमेज़ोव ने उन रूसी ड्रोनों के बारे में बताया, जिनका प्रयोग आज मोर्चे पर किया जाता है। उन्होंने लैंसेट ड्रोनों का उदाहरण दिया, जिनका इस्तेमाल उनके अनुसार विशेष सैन्य अभियान के दौरान "बहुत प्रभावी ढंग से" किया जाता है।
उन्होंने रूसी आयात प्रतिस्थापन की योजनाओं और परिणामों के बारे में भी बात की। उनके अनुसार, विशेष सैन्य अभियान के अनुभव पर ध्यान देते हुए AK-12 असॉल्ट राइफल में सुधार लाया गया। इस साल सुपरजेट के लिए विदेशी इंजन के बजाय रूसी इंजन को प्रमाणित किया जाएगा। रोस्टेक के 15 नए कारखानों में दर्जनों अरबों रूबल का निवेश किया जाएगा।
चेमेज़ोव के अनुसार, रोस्टेक का इरादा हथियारों के विश्व बाजार में आगे बढ़ना है। राष्ट्रीय मुद्राओं में रूसी हथियारों के निर्यात के लिए अनुबंधों का हिस्सा 100 प्रतिशत के करीब है, और प्रतिबंधों के बावजूद 2022 में रोस्टेक की आमदनी 2.1 ट्रिलियन रूबल से अधिक थी। इसके बावजूद राज्य रक्षा आदेश को पूरा करना इस कंपनी का मुख्य लक्ष्य है।