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iNCOVACC: भारतीय पहले इंट्रानेजल COVID-19 वैक्सीन के बारे में क्या जानना चाहिए

भारत के 74वें गणतंत्र दिवस पर COVID-19 के खिलाफ भारत बायोटेक का पहला नेजल वैक्सीन दिखाई दिया।
Sputnik
भारत में iNCOVACC नामक देश में अपनी तरह का पहला इंट्रानेजल COVID-19 वैक्सीन लॉन्च किया गया है।
भारत बायोटेक का वैक्सीन वाशिंगटन विश्वविद्यालय के सहयोग से बनाया गया। प्रारंभिक अध्ययनों की मदद से मालूम हुआ कि नाक से होकर शरीर में इस वैक्सीन के प्रवेश की मदद से पूरे शरीर में मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है।

यहाँ इस वैक्सीन से संबंधित कुछ दिलचस्प तथ्य हैं:

- इंट्रानेजल वैक्सीन का उपयोग पुरुषों और महिलाओं के लिए प्राथमिक और बूस्टर खुराक के रूप में किया जा सकता है;
- भारत में निजी फार्मेसियों में वैक्सीन की कीमत 800 रुपए यानी 10.50 डॉलर और सरकारी फार्मेसियों में 325 रुपए यानी 4 डॉलर है। इसके निर्माता भारत बायोटेक ने कहा कि इसको काफी सस्ता और निम्न और मध्यम आय वाले देशों में बेचने के लिए उपलब्ध करने की योजना थी;
- iNCOVACC 2-8 डिग्री सेल्सियस की स्थिति में स्थिर है और घरेलू रेफ्रिजरेटर में रखा जा सकता है;
- विशेषज्ञों के अनुसार iNCOVACC का प्रवेश म्यूकोसल मेम्ब्रेन (नाक और मुंह) में प्रतिरक्षा की क्षमता को बढ़ा सकता है और COVID संक्रमण से बेहतर सुरक्षा प्रदान कर सकता है;
- चीन ने पिछले सितंबर में कैनसिनो बायोलॉजिक्स इन्कॉर्परैटिड द्वारा स्प्रे के रूप में विकसित इनहेलेबल COVID वैक्सीन कॉन्विडेसिया एयर को मंजूरी दी थी।
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