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मध्य प्रदेश में बाघों का कुनबा बढ़ाने वाली बाघिन टी-1 की हुई मौत

मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में 'टी-1' के मृत पाए जाने के बाद भारत के सबसे सफल बाघ प्रजनन कार्यक्रमों में से एक का एक शानदार अध्याय समाप्त हो गया।
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पन्ना टाइगर रिजर्व को बाघों से आबाद करने वाली बाघिन टी-1 की मौत हो गई है।
बाघिन का कंकाल राष्ट्रीय राजमार्ग-39 से कुछ मीटर दूर अंदर जंगल में एक गांव के पास मिला है। टी-1 की उम्र करीब 17 साल थी।

"बाघ की औसत उम्र 14 से 15 साल तक होती है। बाघिन टी-1 की उम्र 17 साल हो गई थी। उसकी नेचुरल मौत हुई है। सारी कार्रवाई पूरी होने के बाद बाघिन के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है," पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर बृजेंद्र झा ने कहा।

दरअसल साल 2009 में जब पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहीन हो गया था तब बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत यह बाघिन बांधवगढ़ से पन्ना लाई गई और इसे टी-1 नाम दिया गया। तब यह 3 साल की थी। 4 साल की उम्र में उसने शावकों को जन्म दिया था। बाघिन टी-1 ने कुल 13 शावकों को जन्म दिया था। आखिरी बार साल 2016 में बाघिन टी-1 ने छह शावक को जन्म दिया था। इसके बाद यहां बाघों की संख्या निरंतर बढ़ती गई।
गौरतलब है कि पिछले दो महीने में पन्ना टाइगर रिज़र्व में दो बाघों की मौत हो चुकी है। अब यहां बाघों की जनसंख्या 78 रह गई है।
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