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कर्नाटक से 5 हाथी मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व लाए गए
कर्नाटक से 5 हाथी मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व लाए गए
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मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में पांच हाथियों को बाघों की सुरक्षा के लिए कर्नाटक से लाया गया है।
2022-12-26T15:41+0530
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मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में पांच हाथियों को बाघों की सुरक्षा के लिए कर्नाटक से लाया गया है। हाथियों को वन क्षेत्रों में गश्त का काम दिया जाता है। पीटीआर के उप निदेशक रजनीश सिंह ने कहा कि पांच हाथियों ने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों की देखरेख में 22 दिसंबर को कर्नाटक के कूर्ग से ट्रकों में सड़क मार्ग से अपनी यात्रा शुरू की। हाथियों ने तीन दिनों में करीब डेढ़ हजार किलोमीटर की लंबी यात्रा की और आखिर में पार्क अधिकारियों ने उन्हें अपनी अभिरक्षा में ले लिया। अधिकारी ने भारतीय मीडिया से कहा कि उनके खाने का सामान भी एक ट्रक में ले जाया गया था। वन कर्मचारी पांच हाथियों की देखभाल कर रहे थे, जिनके नाम जनरल करियप्पा, जनरल थिमय्या, दोनों 8 साल के, बाली (40), लावा (21) और मारुति (20) हैं। करीब 13 साल बाद पेंच राष्ट्रीय उद्यान को वनराज (बाघ) की निगरानी करने व जंगल की सुरक्षा पुख्ता करने हाथियों की सौगात मिली हैं। इससे पार्क प्रबंधन उत्साहित है। अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में, पीटीआर के पास सरस्वती सहित पांच हाथी हैं, जिनमें से सबसे पुराने हाथी का कार्यकाल समाप्त हो गया है। टाइगर रिजर्व में बाघ या तेंदुए कभी-कभी ऐसे स्थानों पर फंस जाते हैं जहां वाहन पहुंच नहीं पाता है वहां हाथियों की मदद से बचाव दल को पहुंचाया जाता है।
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हाथी कर्नाटक मध्य प्रदेश सुरक्षा
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कर्नाटक से 5 हाथी मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व लाए गए
15:41 26.12.2022 (अपडेटेड: 15:42 26.12.2022) मध्य प्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच, पन्ना और संजय-डुबरी सहित कई टाइगर रिजर्व हैं।
मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में पांच हाथियों को बाघों की सुरक्षा के लिए कर्नाटक से लाया गया है। हाथियों को वन क्षेत्रों में गश्त का काम दिया जाता है। पीटीआर के उप निदेशक रजनीश सिंह ने कहा कि पांच हाथियों ने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों की देखरेख में 22 दिसंबर को कर्नाटक के कूर्ग से ट्रकों में सड़क मार्ग से अपनी यात्रा शुरू की। हाथियों ने तीन दिनों में करीब डेढ़ हजार किलोमीटर की लंबी यात्रा की और आखिर में पार्क अधिकारियों ने उन्हें अपनी अभिरक्षा में ले लिया।
अधिकारी ने भारतीय मीडिया से कहा कि उनके खाने का सामान भी एक ट्रक में ले जाया गया था। वन कर्मचारी पांच हाथियों की देखभाल कर रहे थे, जिनके नाम जनरल करियप्पा, जनरल थिमय्या, दोनों 8 साल के, बाली (40), लावा (21) और मारुति (20) हैं।
करीब 13 साल बाद पेंच राष्ट्रीय उद्यान को वनराज (बाघ) की निगरानी करने व
जंगल की सुरक्षा पुख्ता करने हाथियों की सौगात मिली हैं। इससे पार्क प्रबंधन उत्साहित है।
अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में, पीटीआर के पास सरस्वती सहित पांच हाथी हैं, जिनमें से सबसे पुराने हाथी का कार्यकाल समाप्त हो गया है। टाइगर रिजर्व में बाघ या तेंदुए कभी-कभी ऐसे स्थानों पर फंस जाते हैं जहां वाहन पहुंच नहीं पाता है वहां हाथियों की मदद से बचाव दल को पहुंचाया जाता है।