पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने राष्ट्रीय सभा के उपचुनाव जीतने के लिए लड़ने के अपने फैसले को पूरी तरह बदल दिया। उन्होंने उनमें हिस्सा न लेने का विकल्प चुना, कई पाकिस्तानी समाचार आउटलेटों ने शनिवार को बताया।
खान ने यह कदम उसके बाद उठाया जब इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने चुनावी प्रक्रिया से उनको हटाने की याचिका पर सुनवाई के लिए ज्यादा लोगों वाली परिषद बनाने का निर्णय किया था। क्योंकि उनके नामांकन पत्र में "उनकी बेटी टायरियन जेड व्हाइट" से संबंधित व्यापक जानकारी नहीं मिली थी।
इमरान खान ने उस से पहले दावा किया था कि याचिका को खारिज किया जाना चाहिए क्योंकि वह "उचित नहीं है और उससे संबंधित सुनवाई आगे से असंभव है।"
पीटीआई के प्रमुख ने कहा कि वे अब राष्ट्रीय सभा के सदस्य नहीं हैं, इसलिए अदालत में याचिका का कोई कानूनी आधार नहीं है।
पिछले साल याचिकाकर्ता साजिद महमूद ने जोर देकर कहा था कि खान ने चुनाव में हिस्सा लेने के लिए दस्तावेज़ों और नामांकन पत्रों में नहीं लिखा था कि उन्होंने टायरियन व्हाइट के खर्चों का भुगतान किया था।
पिछले महीने पीटीआई के राजनेता शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि 1992 क्रिकेट विश्व कप के विजेता कप्तान राष्ट्रीय सभा की उन सभी सीटों को जीतने के लिए विपक्षी दल के उम्मीदवार होंगे, जो अगले महीने चुनाव के दौरान उपलब्ध होंगी।
ये सीटें तब खाली हो गईं जब स्पीकर राजा परवेज अशरफ के स्वीकार करने से पहले उनका प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदों ने राष्ट्रीय सभा से इस्तीफा दिया।
पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने बाद में खाली सीटों को जीतने के लिए उपचुनावों की घोषणा की, जो इस साल 19 मार्च को होंगे।