रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत सहायता की आवश्यकता वाले देशों को "उपदेश या पूर्व-निर्धारित" समाधान देने में विश्वास नहीं करता है।
साथ ही, उन्होंने कहा कि भारत “पुराने पितृसत्तात्मक या नव-औपनिवेशिक प्रतिमानों” में सुरक्षा मुद्दों से निपटने में विश्वास नहीं करता है और यह हमेशा उनका मुकाबला करने के लिए एक सामूहिक दृष्टिकोण को प्राथमिकता देता है।
“हम सभी देशों को समान भागीदार मानते हैं। इसलिए, हम किसी देश की आंतरिक समस्याओं के लिए बाहरी या ‘सुपर नेशनल’ समाधान थोपने में विश्वास नहीं करते हैं,” रक्षा मंत्री ने कहा।
आगे उन्होंने कहा, कि भारत अपने सहयोगी देशों की क्षमता निर्माण का समर्थन करता है ताकि वे अपनी नियति खुद तय कर सकें। ऐसे राष्ट्र हैं जो दूसरों की तुलना में समृद्ध, सैन्य या तकनीकी रूप से अधिक आधुनिक हैं, लेकिन यह उन्हें इस बात का अधिकार नहीं देता कि वे मदद चाहने वाले राष्ट्रों पर अपने समाधान थोपें।
“हम धर्मोपदेश या पहले से निर्धारित ऐसे समाधान देने में विश्वास नहीं करते हैं जो सहायता चाहने वाले देशों के राष्ट्रीय मूल्यों और बाधाओं का सम्मान नहीं करता है," रक्षा मंत्री ने कहा।
बता दें कि सोमवार को पीएम मोदी ने बेंगलुरु में एयरो इंडिया शो की शुरुआत की । इसे अब तक का सबसे बड़ा एयरो शो बताया जा रहा है। इस एयरो शो में कुल 98 देश इस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं और 809 कंपनियां देश की एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगी। इस दौरान 32 देशों के रक्षा मंत्री भी मौजूद रहेंगे।