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रूस ने बढ़ाया किंजल हाइपरसोनिक मिसाइलों का उत्पादन

अत्याधुनिक किंजल मिसाइल की गति 10 मैक है। उड़ान में बाधाओं से बचने की क्षमता के साथ वह गति दुश्मन की वायु और मिसाइल रक्षा प्रणालियों से इसकी बड़ी रक्षा करती है।
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रूस के रोस्टेक स्टेट कॉरपोरेशन के प्रमुख सर्गेई चेमेज़ोव ने घोषणा की कि इस कंपनी ने किंजल (डैगर) हाइपरसोनिक मिसाइलों के उत्पादन को और बढ़ाया है।

रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सब से पहले " इस हथियार की इतनी बड़ी संख्या के उत्पादन कि जरूरी नहीं थी", लेकिन यूक्रेन में चल रहे रूसी विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत के बाद किंजलों का उत्पादन बढ़ाया गया था।

उन्होंने यह उसके बाद कहा जब रूसी एयरोस्पेस बलों के लंबी दूरी की विमानन (उड़ानों) के कमांडर लेफ्टिनेंट-जनरल सर्गेई कोबिलाश ने दावा किया था कि विशेष अभियान के दौरान यूक्रेनी सेना के "जमीनी लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए बार-बार किंजलों का इस्तेमाल किया गया था।"
इसके साथ रूसी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के प्रमुख वलेरीय गेरासिमोव ने कहा कि यूक्रेन की हवाई सुरक्षा प्रणालियां किंजल मिसाइलों से निपटने में असफल रही है । उनके अनुसार यूक्रेन में लड़ाई की स्थिति में पहली बार किंजल मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया था।
किंजल नूक्लीअर-कैपबल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी उड़ान की दूरी 2,000 किमी (1,200 मील) से अधिक है। यह आम तौर पर मिग-31 सुपरसोनिक मल्टी-रोल फाइटर जेट से लॉन्च किया जाता है।
यह 10 मैक यानी 12,250 किमी प्रति घंटे या 7,612 मील प्रति घंटे तक अपनी गति बढ़ाने में सक्षम है। साथ ही यह उड़ान में बाधाओं से बच सकता है, जो इसको दुश्मन की वायु मिसाइल कि रक्षा प्रणालियों के लिए वास्तव में अभेद्य होने में मदद देता है।
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