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हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के बीच शिंगु ला सुरंग के निर्माण के बारे में अब क्या मालूम है?

इन प्रदेशों में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का विकास चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव की स्थिति में किया जा रहा है।
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भारत और चीन 3,500 किमी की सीमा साझा करते हैं जिसको वास्तविक नियंत्रण रेखा कहा जाता है। कभी-कभी उस पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच विवाद होते हैं, यहां तक ​​कि 1962 में उनके बीच युद्ध हुआ था।
उनका पिछला तकड़ाव 9 जनवरी 2022 को अरुणाचल प्रदेश राज्य में हुआ, जिसके नतीजे में कई सैनिक घायल हो गए। उस घटना के कुछ समय बाद दोनों भारतीय और चीनी कमांडरों ने शांति बहाल करने के लिए बैठक की।
जून 2020 के बाद दो एशियाई देशों के सैनिकों के बीच वह पहली बड़ी सीमा झड़प थी। उस 2020 की घटना के दौरान भारत के उत्तर में स्थित लद्दाख की गैलवान घाटी में 20 भारतीय और कई चीनी सैनिकों की मौत हो गई थी।
कुछ दिनों पहले भारतीय सरकार ने घोषणा की कि हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के बीच शिंगु ला सुरंग बनायी जाएगी। वह रणनैतिक रूप से महत्वपूर्ण होगी क्योंकि ये दोनों राज्य चीन से सीमा को साझा करते हैं।

शिंगु ला सुरंग के बारे में मुख्य जानकारी

इस सुरंग की लंबाई 4,1 किमी होगी
वह सीमा सड़क संगठन द्वारा बनायी जाएगी
गणनाओं के अनुसार शिंगु ला सुरंग के निर्माण की कीमत 1,681.5 करोड़ रुपये होगी
नई सुरंग की मदद से पाकिस्तान या चीन से किसी विवाद की स्थिति में भारतीय सैनिकों और उपकरणों की आपूर्ति जल्दी से करना संभव होगा
दिसंबर 2025 तक इस सुरंग को बनाने पर काम पूरा करने का लक्ष्य है
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