लेकिन कुछ शुरूआती व्यवधानों के बाद अब राज्य के प्रभुत्व वाली रूसी कंपनी रोसाटॉम आसानी से कुडनकुलम संयंत्र के लिए टेक्नोलॉजी मुहैया करा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक, Covid-19 महामारी के दौरान उपकरणों की सप्लाई के लिए जहाज नहीं मिले थे। फिर यूक्रेन संकट के बाद पश्चिमी देशों के जहाज रूस से भारत में परमाणु घटकों के परिवहन के लिए उपलब्ध नहीं थे। इसके बाद भारतीय अधिकारी ने सार्वजनिक क्षेत्र की शिपिंग कंपनियों से संपर्क कर कुछ जहाजों का इंतजाम किया। बाद में रूस के रोसाटॉम ने तकनीकी उपकरणों के परिवहन के लिए जहाजों का इंतजाम किया। नतीजतन आपूर्तियाँ सामान्य हो गई हैं और कोई रुकावट नहीं है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (NPCIL) वर्तमान में कुडनकुलम में चार परमाणु ऊर्जा संयंत्रों (इकाई 3, 4, 5 और 6) का निर्माण कर रहा है। इनमें से प्रत्येक इकाई 1,000 मेगावाट क्षमता के हैं। लगभग 65 लाख घरों को ऊर्जा प्रदान करने के लिए यह पर्याप्त है। कुडनकुलम में पहले से ही 1,000 मेगावाट के दो संयंत्र (यूनिट 1 और 2) चालू हैं। सभी छह इकाइयां रोसाटॉम द्वारा प्रदान की गई रूसी प्रौद्योगिकी और उपकरणों से बनाई जा रही हैं।