भारत-रूस संबंध
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पश्चिमी प्रयासों के बावजूद रूस और भारत के बीच आपसी व्यापार संचालन में प्रगति

© Sputnik / Vitaly Ankov / मीडियाबैंक पर जाएंRussian and Indian flags
Russian and Indian flags - Sputnik भारत, 1920, 21.12.2022
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मास्को (Sputnik)- रूसी विदेश मंत्रालय के दूसरे एशियाई विभाग के निदेशक ज़मीर काबुलोव ने Sputnik को बताया कि कि भारत रूस के साथ अपने संबंधों को तेल की खरीद सहित कमजोर करने के अमेरिकी प्रयासों की अनदेखी करने वाला है। मास्को के साथ सहयोग नई दिल्ली के लिए फायदेमंद है।
उन्होंने इस सवाल का भी जवाब दिया कि क्या वाशिंगटन के दबाव से नई दिल्ली के रूस से तेल खरीदने से इनकार करने की संभावना असली जोखिम के रूप में मानता है:

"नहीं ... वे (यानी नई दिल्ली) ऐसा नहीं करेंगे"। उन्होंने यह भी कहा कि, "भारत बहुत सारा तेल खरीदना चाहता है, क्योंकि यह भारत के लिए लाभदायक है।"

खास तौर पर इसकी वजह से कि अब "स्पष्ट कारणों से, भारत और चीन को अच्छी छूट मिलती है।"
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए रूस और भारत आपसी व्यापार में डॉलर और यूरो के बजाय राष्ट्रीय मुद्राओं पर केंद्रित होते जा रहे हैं।
काबुलोव के अनुसार चाहे भी हाल ही में भारत रूस को बेचने से पांच गुना से अधिक उस से खरीदता हो फिर भी विशेषज्ञ इस असंतुलन के मुद्दे को अंततः हल करने पर काम कर रहे हैं, इसलिये निश्चित रूप से, व्यापार संचालन में एक पूर्ण परिवर्तन के लिए हमें अपने आपसी सहयोग में और ज्यादा सुधार करके आगे बढ़ने की जरूरत है।"
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