अमेरिका ने यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान की पहली वर्षगांठ पर ज़ापोरोज़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र के रूसी ऑपरेटर पर प्रतिबंध लगाया। इसके साथ ज़ापोरोज़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र के जॉइन्ट स्टॉक कंपनी ऑपरेटिंग ऑर्गनाइज़ेशन के महानिदेशक ओलेग रोमनेंको पर भी प्रतिबंध लगाये गये।
नए प्रतिबंधों पर टिप्पणी करते हुए रोगोव ने कहा कि "ज़ापोरोज़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर प्रतिबंध लगाना एक साथ कई तथ्यों की पुष्टि करता है। सबसे पहले, पश्चिम स्पष्ट रूप से समझ गया कि वह इस पर कब्जा करने में असफल होगा। इसके साथ वह समझता है कि ज़ापोरोज़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र रूस का स्वामित्व वाला एक उद्यम है।"
उन्होंने यह भी कहा कि अगर पश्चिमी देश ज़ापोरोज़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र को कीव से संबंधित कंपनी मानते, तो कोई भी प्रतिबंध नहीं लगाते।
द्नीपर नदी के बाएं किनारे पर स्थित ज़ापोरोज़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र इकाइयों की संख्या और क्षमता के अनुसार यूरोप में सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। यह मार्च 2022 की शुरुआत में रूसी सेना के नियंत्रण में पहुँचा था और तब से यूक्रेनी सैनिकों ने इस पर बार-बार गोलाबारी की, जिसके कारण संभावित परमाणु दुर्घटना पर अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ गई।
सितंबर में व्लदीमीर रोगोव ने Sputnik को बताया था कि कीव ने ज़ापोरोज़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र से बिजली लेना खत्म किया था और जानबूझकर इस संयंत्र के लिए समस्याएं खड़ी करते हुए इसके काम को समाप्त करने की कोशिश की थी।