अनतोलिय एंतोनोव ने संवाददाताओं से कहा, "नई START को पूर्ण पैमाने पर लौटाने की स्थिति बनाने के लिए वाशिंगटन को अपनी प्रतिरोधी रूस-विरोधी नीति को बदलना चाहिए। अब हम इसके बिल्कुल विपरीत स्थिति को देखते हैं। अमेरिका प्रतीकात्मक सकारात्मक इशारों के लिए भी तैयार नहीं है।"
उन्होंने यह भी कहा कि वाशिंगटन ने नई START की प्रक्रिया का उल्लंघन किया था और घोषित किया था कि सब्मरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (एसएलबीएम) लांचर और हेवी बोंबर्स परमाणु मिशनों को पूरा करने में अक्षम हैं।
"बिना पूछे कि क्या रूस इस प्रक्रिया से सहमत है या नहीं, उसने एसएलबीएम लांचरों और हेवी बोंबर्स को परमाणु मिशनों को पूरा करने में अक्षम घोषित किया। उनमें सौ से अधिक को अवैध रूप से संधि के नियमों से हटाया गया। हमारे निरीक्षकों को कभी 'कन्वर्शन' के परिणामों का निरीक्षण करने का अवसर नहीं दिया गया है," उन्होंने कहा।
राजदूत ने इस बात पर भी जोर दिया कि व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) अमेरिकी रुख के कारण लागू नहीं की गई है।
"अगर अमेरिका जिम्मेदार परमाणु शक्ति होता, तो वह बहुत पहले सीटीबीटी को स्वीकार करता। वाशिंगटन ही इस तथ्य के लिए जिम्मेदार है कि संधि अभी तक लागू नहीं की गई है," एंतोनोव ने संवाददाताओं से कहा।
21 फरवरी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फेड्रल असेंबली को भाषण दिया था। अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपति ने घोषणा की थी कि रूस ने नई START संधि में अपनी भागीदारी को निलंबित किया है। उसी दिन नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने रूस के निर्णय को लेकर इस गठबंधन की ओर से खेद व्यक्त करके मास्को से उसको बदलने का आग्रह किया।