हरियाणा राज्य के सोनीपत की एक अदालत ने मेडेन फार्मा नामक दवा कंपनी के दो अधिकारियों को ढाई-ढाई साल की जेल की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अदालत ने कंपनी के संस्थापक नरेश कुमार गोयल और तकनीकी निदेशक एम.के. शर्मा को वियतनाम को "मानक गुणवत्ता से नीचे" की दवा का निर्यात करने के लिए जेल भेज दिया है।
"यह अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि शिकायतकर्ता/अभियोजन पक्ष ने बिना किसी संदेह के आरोप को विधिवत साबित कर दिया है," अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव आर्य ने अपने फैसले में कहा।
याद रहे कि सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग मानकों के उल्लंघन के लिए मेडेन फार्मास्युटिकल्स में उत्पादन निलंबित कर दिया था, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि इसके चार कफ सिरप से गाम्बिया में बच्चों की मौत हो सकती है।
बता दें कि अफ्रीकी देश गाम्बिया में अक्टूबर 2022 में 70 बच्चों की मौत हो जाने के बाद देश की संसदीय समिति ने मेडन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड द्वारा निर्मित कफ सिरप को जिम्मेदार ठहराया था हालांकि फार्मा कंपनी ने इस बात से इनकार किया कि गाम्बिया में हुई मौतों के लिए उसकी दवाएं जिम्मेदार थीं और एक सरकारी प्रयोगशाला द्वारा किए गए परीक्षणों में पाया गया कि उनमें कोई जहर नहीं था।