भारत ने फरवरी में रूस से प्रति दिन 16 लाख बैरल कच्चे तेल की सब से बड़ी मात्रा खरीदी और इस तरह उसके दो सबसे बड़े पारंपरिक आपूर्तिकर्ता इराक और सऊदी अरब तेल उत्पादों की मात्रा के संदर्भ में पीछे छोड़े गये।
कार्गो ट्रैकर फर्म वोर्टेक्सा के आंकड़ों के अनुसार, रूस पांच महीनों से भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है, और उसने फरवरी में भारत में पहुंचाए गए कुल कच्चे तेल का 35 प्रतिशत निर्यात किया।
भारतीय रिफाइनर रूसी तेल को छूट पर बड़ी मात्रा में खरीदने लगे जब यूरोपीय संघ के सदस्यों सहित पश्चिमी देशों ने इस यूरेशियन देश के कच्चे तेल की खरीदारी बंद करने का निर्णय किया। जब यूरोपीय देशों ने मास्को से तेल आयात पर प्रतिबंध लगाया, तब से रूस छूट पर भारत में कच्चे तेल की आपूर्ति कर रहा है।
फरवरी 2022 में यूक्रेनी संकट शुरू होने से पहले भारत के तेल बाजार में रूसी कच्चे तेल का हिस्सा 1 प्रतिशत से कम था। लेकिन उसकी शुरुआत के बाद से भारत के तेल आयात में इसका हिस्सा लगातार बढ़ रहा है और अब वह भारत के कुल तेल आयात के एक तिहाई से अधिक है।
भारत में रूसी निर्यात में बहुत बड़ी वृद्धि की स्थिति में सऊदी अरब और अमेरिका से नई दिल्ली की खरीद में काफी कटौती हुई। जबकि मध्य पूर्वी देश से आयात पिछले महीने की तुलना में 16 प्रतिशत तक गिर गया, अमेरिका से आयात में 38 प्रतिशत की गिरावट सामने आई।
भारत में कच्चे तेल के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं की सूची में रूस के बाद इराक, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात हैं। प्रति दिन 9,39,921 बैरल का निर्यात करते हुए इराक दूसरे स्थान पर है, और सऊदी अरब पिछले महीने में 6,47,813 बैरल प्रति दिन की आपूर्ति करके तीसरे स्थान पर है।
संयुक्त अरब अमीरात ने भारत में प्रति दिन 4,04,570 बैरल की आपूर्ति करते हुए चौथे स्थान पर है। और अमेरिका की आपूर्ति जनवरी 2023 में प्रति दिन 3,99,914 बैरल से गिरकर 2,48,430 बैरल प्रति दिन हो गई।
वोर्टेक्सा के हिंद-प्रशांत विश्लेषण की प्रमुख सेरेना हुआंग ने एक बयान में कहा, "भारतीय रिफाइनर रियायती रूसी कच्चे तेल के प्रसंस्करण से रिफाइनिंग मार्जिन में वृद्धि का आनंद ले रहे हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि "रूसी तेल को लेकर रिफाइनरों की आयात की क्षुधा तब तक स्थिर रहने की संभावना है जब तक आर्थिक स्थिति अनुकूल है और व्यापार का समर्थन करने वाली वित्तीय और रसद (लॉजिस्टिक) सेवाएं उपलब्ध हैं।“