होली पर देश के कुछ हिस्सों में होली मनाने के अपने कई अनूठे अंदाज हैं। पूरे भारत में उत्सव की तरह-तरह की परंपराएं हैं।
Sputnik ने उनमें से सबसे असामान्य तरीकों को एकत्र किया है आप के लिए!
ब्रज की होली
होली से जुड़ी अजीबो-गरीब परंपरा के बारे में बताने की शुरुआत यही से करते हैं कि ब्रज के बरसाना गांव में होली की टोलियां जब पिचकारियां मारती हैं तो महिलाएं उनपर लाठियां बरसाती हैं। पुरुषों को इन लाठियों से बचकर महिलाओं को रंगों से भिगोना होता है। इसे लट्ठमार होली भी कहा जाता है।
लड्डू मार होली
ब्रज की बर्षाना की लट्ठमार होली तो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, लेकिन यहां लड्डू मारकर होली का त्योहार भी मनाया जाता है। इसके दौरान पुरुष और स्त्री लड्डू से भी होली खेलते हें। इसको देखने के लिए यहाँ पूरे दुनिया से पर्यटक आते हें।
Lathmar holi
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कोड़ामार होली
राजस्थान में होली के दिन महिलाएं ही पुरुषों को अलग-अलग तरह से पीटती हैं और अपनी पूरी प्यार अपने मार में जाहीर कर देती हें।
दाऊजी की होली
दाऊजी हुरंगा मंदिर में होली के अगले दिन मनाया जाता है। यह 500 साल से भी पुराना है। इस मंदिर के सेवादार परिवार की महिलाएं होती हैं और वे पुरुषों के कपड़े फाड़कर उनसे उन्हें पीटती हैं। यह दाऊजी का मंदिर मथुरा से 30 किलोमीटर दूर है।
Phulon ki holi
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मांदलि होली
मध्यप्रदेश के एक गांव में युवक हाथों में मांदल नामक वाद्य यंत्र लेकर बजाते हैं और नृत्य करते हुए युवतियों को गुलाल लगा देते हैं। अगर ऐसे में युवती भी युवक को रंग लगा देती है तो इसे रजामंदी समझा जाता है। इसके बाद दोनों भाग जाते है और उनकी शादी कर दी जाती है।
विधवाओं की होली
वृंदावन में विधवाओं की होली खेली जाती है। कुछ ही साल पहले वृंदावन में विधवाओं की होली का यह चलन पागल बाबा के मंदिर से शुरू हुआ था। अमूमन यह होली फूलों की होली है, यह होली के अगले दिन अलग-अलग मंदिरों में खेली जाती है। जीवन के रंगों से दूर इन विधवाओं को होली खेलते देखना बेहद ही सुंदर नजारा होता है।
Vidhava holi
बांटा की होली
हिमाचल प्रदेश मंडी जिले के सुकेत इलाके में होली पर बहन-बेटियों को रोटी मायके से भेजी जाती है और जिसे बांटा भी कहा जाता है। वहां के लोगों का मानना है कि मायके की जमीन में उगी फसल से बनी रोटी बेटियों को प्रतीक के रूप में दिया जाता है।
कुंडारा की होली
उत्तर प्रदेश के कुंडारा में पुरुषों को होली खेलने की मनाही होती है। यहां की महिलाएं राजजानकी मंदिर में इकट्ठा होकर आपस में ही होली खेलती हैं और पुरुष केवल यह देख सकते हैं परंतु खेल नहीं सकते।