https://hindi.sputniknews.in/20230308/bhaarat-kii-yah-holii-kahiin-milte-hain-premii-jode-to-kahiin-chaltii-hain-laathii-1101219.html
भारत की यह होली, कहीं मिलते हैं प्रेमी जोड़े, तो कहीं चलती हैं लाठी
भारत की यह होली, कहीं मिलते हैं प्रेमी जोड़े, तो कहीं चलती हैं लाठी
Sputnik भारत
देश के अलग-अलग हिस्सों में होली मनाने का अलग-अलग शानदार तरीका है। यह हंसी-ठिठोली उल्लास, खुशी, मस्ती, प्रेम, और आनंद का तरीका सब जगह एक जैसा ही है।
2023-03-08T16:29+0530
2023-03-08T16:29+0530
2023-03-08T16:29+0530
ऑफबीट
भारत
मनोरंजन
होली
दक्षिण एशिया
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/03/07/1090057_0:160:3073:1888_1920x0_80_0_0_d0426dd94e376d2eeed39b678999a711.jpg
होली पर देश के कुछ हिस्सों में होली मनाने के अपने कई अनूठे अंदाज हैं। पूरे भारत में उत्सव की तरह-तरह की परंपराएं हैं।Sputnik ने उनमें से सबसे असामान्य तरीकों को एकत्र किया है आप के लिए! ब्रज की होलीहोली से जुड़ी अजीबो-गरीब परंपरा के बारे में बताने की शुरुआत यही से करते हैं कि ब्रज के बरसाना गांव में होली की टोलियां जब पिचकारियां मारती हैं तो महिलाएं उनपर लाठियां बरसाती हैं। पुरुषों को इन लाठियों से बचकर महिलाओं को रंगों से भिगोना होता है। इसे लट्ठमार होली भी कहा जाता है।लड्डू मार होलीब्रज की बर्षाना की लट्ठमार होली तो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, लेकिन यहां लड्डू मारकर होली का त्योहार भी मनाया जाता है। इसके दौरान पुरुष और स्त्री लड्डू से भी होली खेलते हें। इसको देखने के लिए यहाँ पूरे दुनिया से पर्यटक आते हें।कोड़ामार होलीराजस्थान में होली के दिन महिलाएं ही पुरुषों को अलग-अलग तरह से पीटती हैं और अपनी पूरी प्यार अपने मार में जाहीर कर देती हें।दाऊजी की होलीदाऊजी हुरंगा मंदिर में होली के अगले दिन मनाया जाता है। यह 500 साल से भी पुराना है। इस मंदिर के सेवादार परिवार की महिलाएं होती हैं और वे पुरुषों के कपड़े फाड़कर उनसे उन्हें पीटती हैं। यह दाऊजी का मंदिर मथुरा से 30 किलोमीटर दूर है।मांदलि होलीमध्यप्रदेश के एक गांव में युवक हाथों में मांदल नामक वाद्य यंत्र लेकर बजाते हैं और नृत्य करते हुए युवतियों को गुलाल लगा देते हैं। अगर ऐसे में युवती भी युवक को रंग लगा देती है तो इसे रजामंदी समझा जाता है। इसके बाद दोनों भाग जाते है और उनकी शादी कर दी जाती है।विधवाओं की होलीवृंदावन में विधवाओं की होली खेली जाती है। कुछ ही साल पहले वृंदावन में विधवाओं की होली का यह चलन पागल बाबा के मंदिर से शुरू हुआ था। अमूमन यह होली फूलों की होली है, यह होली के अगले दिन अलग-अलग मंदिरों में खेली जाती है। जीवन के रंगों से दूर इन विधवाओं को होली खेलते देखना बेहद ही सुंदर नजारा होता है।बांटा की होलीहिमाचल प्रदेश मंडी जिले के सुकेत इलाके में होली पर बहन-बेटियों को रोटी मायके से भेजी जाती है और जिसे बांटा भी कहा जाता है। वहां के लोगों का मानना है कि मायके की जमीन में उगी फसल से बनी रोटी बेटियों को प्रतीक के रूप में दिया जाता है।कुंडारा की होलीउत्तर प्रदेश के कुंडारा में पुरुषों को होली खेलने की मनाही होती है। यहां की महिलाएं राजजानकी मंदिर में इकट्ठा होकर आपस में ही होली खेलती हैं और पुरुष केवल यह देख सकते हैं परंतु खेल नहीं सकते।
भारत
दक्षिण एशिया
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2023
दाश जयदेव
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/03/07/1094627_0:0:717:717_100x100_80_0_0_e5a4dfe344b61a7cff7fd52a5c1bf0ab.jpg
दाश जयदेव
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/03/07/1094627_0:0:717:717_100x100_80_0_0_e5a4dfe344b61a7cff7fd52a5c1bf0ab.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/03/07/1090057_170:0:2901:2048_1920x0_80_0_0_57882db03eb50d33c50eb5d61995dba7.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
दाश जयदेव
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/03/07/1094627_0:0:717:717_100x100_80_0_0_e5a4dfe344b61a7cff7fd52a5c1bf0ab.jpg
होली मनाने के विभिन्न तरीके, अजीब होली कि परम्पराएं, अलग-अलग हिस्सों में होली मनाना, पुरुषों को लाठी मारना, लड्डू से होली खेलना, विधवाओं कि होली, पुरुषों को होली मनाना मना है
होली मनाने के विभिन्न तरीके, अजीब होली कि परम्पराएं, अलग-अलग हिस्सों में होली मनाना, पुरुषों को लाठी मारना, लड्डू से होली खेलना, विधवाओं कि होली, पुरुषों को होली मनाना मना है
भारत की यह होली, कहीं मिलते हैं प्रेमी जोड़े, तो कहीं चलती हैं लाठी
देश के अलग-अलग हिस्सों में होली मनाने का अलग-अलग शानदार तरीका है। यह हंसी-ठिठोली उल्लास, खुशी, मस्ती, प्रेम, और आनंद का तरीका सब जगह एक जैसा ही है। यह त्योहार हमें भारत की विविधता में एकता सिखाता है और अखंड भारत की झलक दिखाता है।
होली पर देश के कुछ हिस्सों में होली मनाने के अपने कई अनूठे अंदाज हैं। पूरे भारत में उत्सव की तरह-तरह की परंपराएं हैं।
Sputnik ने उनमें से सबसे असामान्य तरीकों को एकत्र किया है आप के लिए!
होली से जुड़ी अजीबो-गरीब परंपरा के बारे में बताने की शुरुआत यही से करते हैं कि ब्रज के बरसाना गांव में होली की टोलियां जब पिचकारियां मारती हैं तो महिलाएं उनपर लाठियां बरसाती हैं। पुरुषों को इन लाठियों से बचकर महिलाओं को रंगों से भिगोना होता है। इसे लट्ठमार होली भी कहा जाता है।
ब्रज की बर्षाना की लट्ठमार होली तो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, लेकिन यहां लड्डू मारकर होली का त्योहार भी मनाया जाता है। इसके दौरान पुरुष और स्त्री लड्डू से भी होली खेलते हें। इसको देखने के लिए यहाँ पूरे दुनिया से पर्यटक आते हें।
राजस्थान में होली के दिन महिलाएं ही पुरुषों को अलग-अलग तरह से पीटती हैं और अपनी पूरी प्यार अपने मार में जाहीर कर देती हें।
दाऊजी हुरंगा मंदिर में होली के अगले दिन मनाया जाता है। यह 500 साल से भी पुराना है। इस मंदिर के सेवादार परिवार की महिलाएं होती हैं और वे पुरुषों के कपड़े फाड़कर उनसे उन्हें पीटती हैं। यह दाऊजी का मंदिर मथुरा से 30 किलोमीटर दूर है।
मध्यप्रदेश के एक गांव में युवक हाथों में मांदल नामक वाद्य यंत्र लेकर बजाते हैं और नृत्य करते हुए युवतियों को गुलाल लगा देते हैं। अगर ऐसे में युवती भी युवक को रंग लगा देती है तो इसे रजामंदी समझा जाता है। इसके बाद दोनों भाग जाते है और उनकी शादी कर दी जाती है।
वृंदावन में विधवाओं की होली खेली जाती है। कुछ ही साल पहले वृंदावन में विधवाओं की होली का यह चलन पागल बाबा के मंदिर से शुरू हुआ था। अमूमन यह होली फूलों की होली है, यह होली के अगले दिन अलग-अलग मंदिरों में खेली जाती है। जीवन के रंगों से दूर इन विधवाओं को होली खेलते देखना बेहद ही सुंदर नजारा होता है।
हिमाचल प्रदेश मंडी जिले के सुकेत इलाके में होली पर बहन-बेटियों को रोटी मायके से भेजी जाती है और जिसे बांटा भी कहा जाता है। वहां के लोगों का मानना है कि मायके की जमीन में उगी फसल से बनी रोटी बेटियों को प्रतीक के रूप में दिया जाता है।
उत्तर प्रदेश के कुंडारा में पुरुषों को होली खेलने की मनाही होती है। यहां की महिलाएं राजजानकी मंदिर में इकट्ठा होकर आपस में ही होली खेलती हैं और पुरुष केवल यह देख सकते हैं परंतु खेल नहीं सकते।