भारत-रूस संबंध
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चुनौतियों के समय खेल में सहयोग के नए तरीकों को तलाशना और उसको मजबूत करना चाहिए: रूसी खेल मंत्री

यूक्रेन में रूसी विशेष सैन्य अभियान शुरू होने और पश्चिम द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाने के बाद रूस ने राजनीति, अर्थव्यवस्था, सैन्य और तकनीकी क्षेत्रों में एशियाई देशों से संबंधों और सहयोग को बढ़ाया है । रूसी खेल मंत्री ऑलेग मतीत्सिन ने Sputnik को खेल में भी सहयोग को बढ़ावा देने के बारे में बताया।
Sputnik
रूसी खेल मंत्री ऑलेग मतीत्सिन ने भारत का दौरा करते समय भारत के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और भारतीय ओलंपिक संघ की प्रमुख पी.टी.ऊषा से बैठक की। इसके साथ उन्होंने नई दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन के राज्यों के खेल मंत्रियों से भी बैठक की ।
Sputnik से बातचीत करते हुए ऑलेग मतीत्सिन ने भारत को इन बैठकों को आयोजित करने के लिए धन्यवाद दिया और बताया कि रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों और पश्चिमी दबाव की स्थिति में रूस के लिए एशियाई देशों से (विशेषकर भारत से) सहयोग को बढ़ाना किस तरह संभव है।

खेल मंत्रियों और खेल अधिकारियों से बैठकों के बारे में:

रूसी खेल मंत्री ने कहा, “हम इस मंच को [शंघाई सहयोग संगठन को] SCO के संदर्भ में, भारत और दूसरे देशों से हमारे साझीदारों से द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में बातचीत जारी रखने और संबंधों को मजबूत करने हेतु बहुत महत्वपूर्ण मंच समझते हैं।“

उन्होंने यह भी बताया कि उदाहरण के लिए, रूस ने SCO के देशों के स्पोर्ट्स गेम्स के संभावित आयोजन के कुछ निश्चित प्रस्ताव दिए और कहा कि रूस में पहले ऐसे गेम्स को आयोजित किया जा सकता है, बशर्ते कि उस समय SCO की अध्यक्षता करने वाला देश यानी कजाकिस्तान इस से सहमत हो। इसके साथ रूस ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का प्रस्ताव पूरा करने का सुझाव दिया, जिसका लक्ष्य SCO के भीतर खेल संगठनों के संघ की स्थापना करना है।

छात्रों के आदान-प्रदान के बारे में:

रूसी खेल मंत्री के अनुसार, भारतीय ओलंपिक संघ की प्रमुख के साथ और भारत के खेल मंत्री के साथ बैठकों के दौरान चर्चा की महत्वपूर्ण बात एथलीटों के आदान-प्रदान और रूसी और भारतीय एथलीटों की प्रतियोगिताओं में भागीदारी के आयोजन को लेकर थी।

“मुझे पूरा यकीन है कि रूसी पक्ष की ओर से हम रूस-भारत के संबंधों के विकास को एक बार और बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। क्योंकि हम देखते हैं कि छात्र रूस में शिक्षा पाने में दिलचस्पी लेते हैं, और हम भारतीय छात्रों के लिए रूस में शिक्षा पाने के लिए कोटा बढ़ाने को आवश्यक मानते हैं। लेकिन भारत में सीखने के लिए भी बहुत कुछ है और मुझे आशा है कि कम से कम खेल के क्षेत्र में हम और हमारे विश्वविद्यालय इस परियोजना को पूरा करेंगे।"

इसके साथ रूसी खेल मंत्री ने दावा किया कि “हमने विश्व स्तर पर एक बार और खेल के मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता, खेलों के राजनीतिकरण और राष्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव की अस्वीकार्यता की पुष्टि की और हमारी संयुक्त परियोजनाओं में भाग लेने के लिए अपनी तैयारी जताई है।"

महिला विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता में रूसी एथलीटों को अपने झंडे के साथ प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति के बारे में:

ऑलेग मतीत्सिन ने कहा “यह बहुत अच्छी बात है कि इन दिनों यहां महिला विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता हो रही है। और यकीनन यह बहुत महत्वपूर्ण है कि अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ का इतना बुद्धिमान दृष्टिकोण है और कि वह एथलीटों के हितों की रक्षा करता है। रूसी अथलेट यहां राष्ट्रीय ध्वज के साथ प्रदर्शन करती हैं और मुझे उम्मीद है कि विजेताओं के सम्मान में राष्ट्रगान बजाया जाएगा। यह भी महत्वपूर्ण है कि प्रतिस्पर्धा बड़ी है। भारतीय एथलेट बहुत मजबूत हैं। हम सहयोग के सतत विकास के लिए तत्पर हैं।"

खेल के क्षेत्र में एशियाई देशों से सहयोग के बारे में:

ऑलेग मतीत्सिन ने खेल के क्षेत्र में एशियाई देशों से सहयोग को लेकर कहा कि रूस एक प्रमुख खेल केंद्र बिंदु के रूप में पूर्वी देशों में दिलचस्पी लेता है।
उन्होंने कहा कि हम पूर्व में खेल आंदोलन के विकास का सम्मान करते हैं और इस में बड़ी दिलचस्पी लेते हैं। निश्चित रूप से पूर्वी देशों से हमारे सहयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और इन से अधिक सक्रिय रूप से बातचीत करना चाहिए। उनके अनुसार पूर्व अब खेल के क्षेत्र में बातचीत और सहयोग के संदर्भ में एक रणनीतिक दिशा है।

फुटबॉल के क्षेत्र में रूसी-भारतीय सहयोग के बारे में:

इस विषय को लेकर रूसी खेल मंत्री ने कहा: “मुझे पूरा यकीन है कि हमारे भारतीय सहयोगियों और रूसी फुटबॉल संघ के बीच द्विपक्षीय सहयोग को विकसित करने के लिए सभी अवसर हैं। हमने मंत्री महोदय के साथ पेशेवर टीमों के स्तर पर, अपने विश्वविद्यालयों में कोचों के प्रशिक्षण के स्तर पर आदान-प्रदान की संभावनाओं पर और विशेषज्ञों के आदान-प्रदान और फुटबॉल के क्षेत्र में अनुसंधान करने की संभावनाओं पर चर्चा की। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि एथलीटों को प्रतिस्पर्धा करने और प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर मिले।"

“मेरी राय है कि इस तरह की चुनौतियों के समय, खेल समुदाय के भीतर परिवर्तनों के समय सब संभावित भागीदारों के साथ सहयोग के नए तरीकों को और सहयोग को तलाशना और उसको मजबूत करना चाहिए और विशेष रूप से जरूर भारत के साथ।"

रूसी अथलेटों की ऑलिंपिक खेलों में भागीदारी के बारे में:

रूसी अथलेटों को इस साल चीन में होने वाले एशियाई खेलों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है, जिनकी मदद से उनको पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों में भाग लेने का मौका मिल सकता है। हालाँकि, पश्चिमी देश और यूक्रेन एक बार और इसका विरोध कर सकते हैं।

इसको लेकर रूसी खेल मंत्री ने कहा: "हम इस पेशकश के लिए एशिया की ओलंपिक परिषद को बहुत धन्यवाद देते हैं। मुझे आशा है कि दबाव के बावजूद इस परियोजना को पूरा किया जाएगा। और आज हम देखते हैं कि हम सभी को, संघों और राज्यों दोनों को, सच्चे मूल्यों और स्वतंत्रता की रक्षा करने में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ को मदद देने की आवश्यकता है। मैं दोहराता हूं कि अगर बहिष्कार करने वाले देशों का प्रभाव और खतरा अपने लक्ष्य को पूरा करेंगे, तो इससे सिद्धांतों और ओलंपिक आंदोलन के अस्तित्व को और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ की स्वतंत्रता को खतरा हो सकता है।"

खेल के क्षेत्र में भारत और रूस की साझेदारी के बारे में:

खेल के क्षेत्र में भारत और रूस की साझेदारी पर टिप्पणी करते हुए ऑलेग मतीत्सिन ने बताया कि अब दुनिया और सभ्यता के विकास का ऐसा समय है, जब किसी को सहयोग के नवीनरूप की पेशकश करने से डरना नहीं चाहिए। उनके अनुसार रूसी और भारतीय सहयोगियों को साझी प्रतियोगिताओं और उत्सवों को आयोजित करने में कोई बाधा नहीं दिखाई देती, और उन में भाग लेने के लिए अफ्रीका, एशिया, और लैटिन अमेरिका के सहयोगियों को आमंत्रित करना संभव होगा।
रूसी खेल मंत्री ने कहा: "दुनिया बहुत तेजी से विकसित हो रही है। हमें चुनौतियों का तुरंत जवाब देना चाहिए। और जैसा कि हम हमेशा कहते हैं, चुनौती का समय अवसर का समय होता है। हमें इन अवसरों का उपयोग करना चाहिए।"
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