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रूस SCO के सदस्यों के ऊर्जा सहयोग पर 'डी-पॉलिटिज़ेड' वार्ता चाहता है

© Photo : social media screenshotUnder India’s SCO Presidency, an SCO Energy Ministers Meeting was held virtually, was attended by ministerial representatives of all 8 SCO countries.
Under India’s SCO Presidency, an SCO Energy Ministers Meeting was held virtually, was attended by ministerial representatives of all 8 SCO countries. - Sputnik भारत, 1920, 15.03.2023
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अब भारत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता करता है, जिसके सदस्यों में रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
रूसी ऊर्जा मंत्री निकोलाय शुल्गीनोव ने शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्रों का "साझा ऊर्जा भविष्य" बनाने के लिए ऊर्जा सहयोग पर “डी-पॉलिटिज़ेड” वार्ता का आह्वान किया है।
SCO के ऊर्जा मंत्रियों की तीसरी बैठक को संबोधित करते हुए शुल्गीनोव ने कहा कि इस संगठन का “रणनीतिक लक्ष्य” इसके सदस्यों के सहयोग को बढ़ाना है, और "पूर्वी और दक्षिणी दिशाओं" में उसको पूरा करने पर कम किया जा रहा है।

रूसी प्रवक्ता ने कहा, "हमारे काम का उद्देश्य सहयोग के नए प्रारूपों का विस्तार भी होना चाहिए। सर्व-शक्तिशाली ऊर्जा क्षमता और ऊर्जा सहयोग का सफल विकास अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में और SCO के सब क्षेत्रों में ज्यादा विस्तारित सहयोग का आधार हैं।"

शुल्गीनोव ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए ऊर्जा क्षेत्र ड्राइविंग फोर्स यानी "लोकोमोटिव" के रूप में काम कर सकता है।
उन्होंने कहा कि SCO के देशों ने पूरे यूरेशिया में "विशाल ऊर्जा परियोजनाओं" का नेटवर्क बनाया है, जिस में यूरेशियन क्षेत्र में "इंटर-कनेक्टेड ऊर्जा, यातायात और रसद संरचना" का आधुनिकीकरण और निर्माण शामिल हैं।

अपने संबोधन के दौरान रूसी मंत्री ने आगे बताया कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद मास्को ऊर्जा संसाधनों की आपूर्ति से संबंधित अपनी जिम्मेदारी निभाना जारी रखता है।

यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान की स्थिति में अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिम ने रूसी ऊर्जा को बाजार से हटाने का प्रयास किया था, लेकिन पिछले साल से भारत और चीन रूसी कच्चे तेल के प्रमुख आयातक हैं।
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