राजनीति
भारत की सबसे ताज़ा खबरें और वायरल कहानियाँ प्राप्त करें जो राष्ट्रीय घटनाओं और स्थानीय ट्रेंड्स पर आधारित हैं।

भारत: अडानी मामले में विपक्षी दलों ने संसद में प्रदर्शन कर जेपीसी जांच की मांग की

भारत सरकार ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग को नहीं माना है। बजट सत्र में पहले भी अदानी मुद्दे पर विपक्ष और सरकार के बीच तीखी नोक-झोंक देखी जा चुकी है।
Sputnik
अडानी-Hindenburg विवाद पर जांच के लिए जेपीसी गठित करने की अपनी मांग को लेकर विपक्षी दलों ने मंगलवार को संसद भवन के अंदर विरोध प्रदर्शन किया।
संसद के पहली मंजिल पर स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की शाखा के बाहर कांग्रेस, द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और वाम दलों सहित 17 दलों के नेताओं ने हाथों में तख्तियां लहराते और 'हमें जेपीसी चाहिए' के नारे लगाते हुए बैनर फहराया।

एसबीआई कार्यालय के बाहर विरोध करने का विचार प्रतीकात्मक और यह संदेश देने के लिए था कि अडानी समूह के लिए बैंकों का जोखिम "चिंता का विषय" है, प्रदर्शन कर रहे एक सांसद ने बताया।

दरअसल विपक्षी दल अडानी समूह पर लगे वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए एक जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। बता दें कि जनवरी में Hindenburg रिसर्च ने अदाणी ग्रुप के संबंध में एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में दावा किया गया कि अदाणी समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। हालांकि अदाणी समूह ने रिपोर्ट को निराधार और बदनाम करने वाला बताकर खारिज कर दिया।
इस बीच देश की सर्वोच्च अदालत ने अडानी-Hindenburg मामले की जांच के लिए दो मार्च को पूर्व न्यायाधीश ए एम सप्रे की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमिटी बना दिया है। कोर्ट ने इस मामले में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को भी गड़बड़ी की जांच कर दो महीने के भीतर स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है।
विचार-विमर्श करें