भारत और चीन को सीमा की स्थिति से उत्पन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा किंतु दोनों देश युद्ध या टकराव नहीं चाहते, भारत में चीनी दूतावास के प्रभारी मा जिया ने कहा।
मीडिया से बात करते हुए मा जिया ने सीमावर्ती क्षेत्रों की स्थिति को "बहुत जटिल" कहा है। उन्होंने कहा कि एक समझौते पर पहुंचना आसान नहीं था, यही कारण है कि दोनों देश बातचीत के लिए स्थापित तंत्र और वरिष्ठ कमांडर स्तर की बैठकों के माध्यम से बातचीत कर रहे हैं।
"हमें यह विश्वास है कि चीन और भारत युद्ध नहीं चाहते हैं। हम में से कोई भी पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में युद्ध या टकराव नहीं चाहता है," जिया ने कहा।
साथ ही उन्होंने कहा सीमा का मुद्दा कई वर्षों के इतिहास में रहा है और किसी समझौते पर पहुंचना आसान नहीं है।
"यही कारण है कि हम इसके बारे में बात करना जारी रखते हैं। हमें समस्याओं का सामना करना होगा और हमें बात करनी होगी। मुझे लगता है कि दोनों पक्षों की मंशा संबंध सुधारने की है। दोनों देश के नेताओं के बीच पहले से ही इस पर आम सहमति है और मुझे लगता है कि हम कोई रास्ता निकाल सकते हैं," जिया ने कहा।
गौरतलब है कि भारत में चीनी राजदूत के रूप में सुन वीदोंग का कार्यकाल साल 2022 के अक्टूबर महीने में पूर्ण होने के पश्चात चीन ने अभी तक इस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं की है। वरिष्ठ राजनयिक मा जिया नयी दिल्ली में चीनी मिशन की प्रभारी हैं।