श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने नीतिगत सुधार, शासन, क्षमता निर्माण, डिजिटलीकरण और सार्वजनिक सेवा वितरण में भारत से मदद मांगी है। यह जानकारी भारत के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने प्रेस बयान में जारी कर दी है।
नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) के महानिदेशक भरत लाल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने द्वीप देश में श्रीलंका के राष्ट्रपति से मुलाकात की है। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने नीतिगत सुधार, सुशासन, डिजिटलीकरण, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, संस्था निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की है।
इस बैठक के दौरान, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने श्रीलंका पर अपना दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने हाल की आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने और देश को उच्च आर्थिक विकास के रास्ते पर लाने की रणनीति साझा की।
"श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने एनसीजीजी से द्वीप देश में शासन और सार्वजनिक नीति विश्वविद्यालय स्थापित करने में मदद करने का भी आग्रह किया," प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया।
गौरतलब है कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे श्रीलंका योजना बनाने, निष्पादन और विभिन्न कार्यक्रमों और परियोजनाओं की निगरानी में भारत के नीति-संचालित शासन मॉडल और डिजिटल प्रौद्योगिकी के बड़े पैमाने पर उपयोग को सीखने के इच्छुक है।