23 अप्रैल को 155 देशों और सातों महाद्वीपों की नदियों और समुद्रों के जल से श्री राम का जलाभिषेक किया जाएगा। मीडिया के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह श्री राम के जलाभिषेक में भाग लेंगे।
Sputnik के लेख से जानिए इस खास कार्यक्रम के बारे में !
कहां से और कैसे लाया गया एकत्रित जल?
यह पवित्र जल दुनियाभर के 155 देशों और सात महाद्वीपों की नदियों और समुद्रों से लाया गया है। विशेष रूप से, पाकिस्तान की रावी नदी का जल भी जलाभिषेक के लिए प्रयोग होने वाले कलश में सम्मिलित किया जाएगा। रावी का जल पहले पाकिस्तान के हिंदुओं ने दुबई भेजा था और फिर दुबई से दिल्ली लाया गया। अब इस जल को अयोध्या लाया जाएगा। पाकिस्तान के अलावा सूरीनाम, चीन, रूस, कजाकिस्तान, कनाडा और तिब्बत सहित कई अन्य देशों की नदियों से जल एकत्रित किया गया है। प्रत्येक देश के पवित्र जल को तांबे के लोटों में भरकर बंद किया गया है। इन पर प्रत्येक देश के नाम व झंडे का स्टीकर चिपका है। इनको भगवा रंग के रिबन से सजाया गया है।
कार्यक्रम में और भी कौन उपस्थित होगा?
समारोह में राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ के अलावा कई देशों के राजदूत भी शिरकत करेंगे। साथ ही योग गुरू बाबा रामदेव, विहिप के दिनेश चंद्र, संघ प्रचारक रामलाल, इंद्रेश कुमार, जैन आचार्य लोकेश मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी यतेंद्रानंद गिरि, पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल जोगिंदर जसवंत सिंह, सांसद मनोज तिवारी, सांसद प्रवेश वर्मा सहित अन्य मौजूद रहेंगे।
इससे पहले, यह पवित्र जल मणिरामदास की छावनी के सभागार में सुबह 10 बजे भव्य समारोह का आयोजन कर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपा जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामलला का जलाभिषेक करेंगे।