रिपोर्ट के अनुसार भारत ने सिख चरमपंथियों को लेकर यूनाइटेड किंगडम (यूके) के साथ व्यापार वार्ता पर रोक लगा दी है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि ब्रिटेन द्वारा सिख चरमपंथी समूह की निंदा किए जाने के बाद ही भारत के साथ वार्ता शुरू होने की उम्मीद है। इस रिपोर्ट के मुताबिक आगे आने वाले दिनों में यूके की तरफ से सिख चरमपंथियों और खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कार्यवाई देखी जा सकती है।
यूके का भारत के साथ व्यापार समझौता लंबे समय से एक जरूरी लक्ष्य रहा है जिसके अंतर्गत टैरिफ में कटौती और भारत में यूके की सेवाओं के लिए अवसर खोलना है।
यूके का भारत के साथ व्यापार समझौता लंबे समय से एक जरूरी लक्ष्य रहा है जिसके अंतर्गत टैरिफ में कटौती और भारत में यूके की सेवाओं के लिए अवसर खोलना है।
लेकिन हाल के दिनों में कई ऐसी घटनाएं हुई जिसके बाद यूके और भारत के बीच संबंधों में खटास आई है। इसमें मुख्य रूप से बीबीसी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादास्पद डाक्यूमेंट्री बनाए जाना, खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारत के उच्चायोग पर हमला करना जैसी घटनाएं शामिल हैं।
ब्रिटेन में हमले कथित रूप से सिख अलगाववादी अमृतपाल सिंह के समर्थकों द्वारा किए गए थे। अमृतपाल खालिस्तान का कट्टर समर्थक है और पिछले महीने से फरार चल रहा है जिसकी पंजाब पुलिस पूरे देश में सक्रिय रूप से उसकी तलाश कर रही है। कथित खालिस्तानी समर्थकों ने यूके की तर्ज पर अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भी भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया था।