भारत में 24 घंटे में Covid-19 के 7,178 नए मामले और 16 मौतें दर्ज किए गए हैं, सोमवार को जारी केंद्र सरकार के आंकड़ों में कहा गया है। इस बीच, देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 65,683 हो गई है। जबकि दैनिक संक्रमण दर 9.16 प्रतिशत है।
देश में अचानक बढ़े कोरोना केसों के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस का नया रिकॉम्बिनेंट वैरिएंट XBB. 1.16 म्यूटेट कर रहा है और इसका नया सबटाइप XBB.1.16.1 भी सामने आया है। केरल, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्य में लगातार बढ़ रहे नए मामले चिंता बढ़ा रहे हैं। हालांकि इस बार पिछली लहरों जैसा खतरा नहीं दिख रहा है, लेकिन सरकार वायरस को लेकर अलर्ट रहने की बात कह रही है।
देश भर में COVID-19 मामलों की संख्या में स्पाइक के मद्देनजर, प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव डॉ पीके मिश्रा ने स्थिति का आकलन करने के लिए 19 अप्रैल को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। पीएमओ ने एक बयान में बताया कि बैठक का फोकस देश में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, दवाओं, टीकाकरण अभियान की तैयारियों की स्थिति और कोविड मामलों में हालिया उछाल की प्रतिक्रिया के रूप में प्रमुख आवश्यक कदमों पर केंद्रित था।
दरअसल हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की तरफ से एक मॉडल के आधार पर कहा गया था कि देश में मई के महीने में कोविड पीक पर आ सकता है।
क्या मई में नई लहर आने वाली है?
कोरोना के मामले जब एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं तो इस बात की आशंका भी बढ़ गई है कि क्या मई में नई लहर आने वाली है इस सवाल के जवाब में डॉ एम वली ने Sputnik को बताया कि, "ऐसी कोई चीज नहीं होती जिसको की पीक कहते हैं। पीक तो किसी भी समय के सबसे अधिक नंबर को हम पीक कह सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा, जैसे-जैसे टेस्टिंग बढ़ेगी कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ेगी। और ये भी संभव है कि कोई और नया वैरिएंट आ जाए , XBB. 1.16 के बाद दूसरा भी कोई वैरिएंट आ सकता है।"
"वायरस के म्युटेशन का इसलिए पता चला रहा है क्योंकि हम रेगुलर जीनोमिक सिक्वेंसिंग कर रहे हैं जोकि भारत सरकार ने आदेश दिया है," डॉ वली ने Sputnik को बताया।
एयरट्रेवल से कोरोना इन्फेक्शन का खतरा
Sputnik से बात करते हुए डॉ वली ने कहा कि कोरोना के केस भीड़ बढ़ने से बढ़ रही है। और लोगों को एयर ट्रेवल से कोरोना का बहुत इन्फेक्शन हो रहा है। दरअसल चीन सहित अन्य 5 देशों से देशों में कोविड-19 के मामले बढ़ने के मद्देनजर भारत सरकार ने इन देशों से आने वाले लोगों के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट 1 जनवरी 2023 से जरूरी कर दिया था। लेकिन बाद में फरवरी से चीन, सिंगापुर, हांगकांग, कोरिया, थाईलैंड और जापान से भारत आने वाले यात्रियों को कोविड-19 टेस्ट कराने की बाध्यता खत्म कर दी गयी।
मौत का कारण
भारत सरकार के आंकड़े पर नजर डालें तो जहां 12 अप्रैल को कोरोना से हुई मौतों की संख्या 0 थी वहीं 24 अप्रैल को कोरोना से मृतकों की संख्या 16 पहुँच गई। कोरोना के नए वैरिएंट XBB.1.16 से हो रही मौत से जुड़े सवाल पर डॉ वली ने Sputnik को बताया कि मौत के पीछे की बड़ी वजह इन मरीजों के कोमोरबिडिटी यानी दूसरी अन्य गंभीर बीमारी हैं नया वेरिएंट बहुत घातक नहीं है।
भारत में डायबिटीज बहुत सामान्य बीमारी है, डायबिटीज वालों की इसमें मौत हो रही है और अधिक मोटे लोगों की मौत हो रही है सिर्फ कोरोना के बुखार से मौत हो जाए ऐसा नहीं हो रहा बल्कि अन्य किसी रोग से पीड़ित लोगों की मौत हो रही है," डॉ वली ने कहा।
वैक्सीन का बूस्टर डोज़ लेना लाभदायक
भारत में पिछले 24 घंटे में टीके की महज 208 खुराक दी गई है। देश में अब तक टीकाकरण अभियान के तहत Covid-19 वैक्सीन की कुल 220.66 करोड़ खुराक (95.21 करोड़ दूसरी खुराक और 22.87 करोड़ एहतियाती खुराक) दी जा चुकी है। Sputnik ने डॉ वली से कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरों के वैक्सीन के बूस्टर डोज़ लेने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि "बूस्टर डोज़ लेना अच्छा है।"
साथ ही उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों ने वैक्सीन की सेकेंड डोज़ ही नहीं लिया है। उन्होंने Sputnik से बातचीत के दौरान लोगों से सेकेंड डोज़ लेने पर जोर दिया जिन्होंने अभी तक वैक्सीन की दूसरी खुराक नहीं लगवाई है।
गर्मी बढ़ाएगी समस्या
भारत के अधिकतर हिस्सों में इन दिनों भयानक गर्मी की तपिश जारी है। कोरोना के बढ़ते नए मामले और झुलसाती गर्मी लोगों की परेशानी का सबब बन गए हैं। कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के नवी मुंबई में आयोजित एक पुरस्कार समारोह में लू लगने से 13 लोगों की मौत हो गयी थी। ऐसे में Sputnik ने डॉ वली से सवाल किया की क्या हीट वेव कोविड के प्रसार में मदद करेगी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि हीट वेव के प्रभाव से जब हम थक जाते हैं और हमारी बॉडी एग्जॉस्ट हो जाती है तो कोविड के बुखार का असर ज्यादा प्रभावी हो जाता है। उन्होंने कहा कि बुखार का तापमान बढ़ जायेगा।
"लोगों को मास्क लगाना जरूरी है। लोग अभी भी मास्क नहीं लगा रहे हैं यही गड़बड़ हुई है इसलिए कोरोना के केस फिर से बढ़ रहे हैं, डॉ वली ने Sputnik को बताया।