गनबोल्ड ने कहा कि भारत की मदद से निर्मित और वित्त पोषित मंगोलिया की पहली तेल रिफाइनरी का निर्माण 2025 तक पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि वह तेल रिफाइनरी मंगोलिया को अधिक "स्वतंत्रता और ऊर्जा सुरक्षा" प्रदान करेगी। उनके अनुसार, यह परियोजना रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण है क्योंकि मंगोलिया पूरी तरह से रूस से ऊर्जा आयात पर निर्भर है, और तेल रिफाइनरी इस देश को 70 प्रतिशत घरेलू मांग को पूरा करने में मदद देगी।
उन्होंने यह भी कहा कि "2015 में प्रधान मंत्री मोदी की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, मंगोलिया में पहली तेल रिफाइनरी बनाने के लिए सरकारों के बीच समझौता हुआ था। अब तेल रिफाइनरी की यह परियोजना पूरी हो रही है और इसमें चार पैकेज शामिल हैं।“
राजदूत ने बताया कि पहला पैकेज इस वर्ष के दौरान पूरा हो जाएगा। शेष तीन पैकेजों को पूरा करने के लिए हैदराबाद में स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी चुनी गई है।
गनबोल्ड ने यह भी कहा कि 2024 में मंगोलिया भारत में कोकिंग कोयले की आपूर्ति शुरू करने की योजना बना रहा है, और इसके साथ दुर्लभ खनिजों के खनन के लिए भारत के साथ संयुक्त उद्यम बनाना चाहता है।