उत्पाद अलर्ट जारी होने के बाद क्यूपी फार्मा केम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुधीर पाठक ने कहा कि किसी ने भारत सरकार को बदनाम करने के लिए इस सिरप की नकल की है।
"पंजाब के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) को संदेह है कि किसी ने कंबोडिया भेजे गए उत्पाद (खांसी की दवाई) की नकल की है और फिर इसे मार्शल द्वीप समूह और माइक्रोनेशिया में बेच दिया है," पाठक ने कहा।
साथ ही उन्होंने कहा कि "फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने परीक्षण के लिए कंबोडिया भेजे गए खांसी की दवाई के नमूने लिए हैं। खांसी की दवाई की कुल 18,336 बोतलें भेजी गईं।"
दरअसल WHO की रिपोर्ट के अनुसार, गुअइफ़ेनेसिन सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल के प्रदूषकों की अस्वीकार्य मात्रा पाई गई है।
गौरतलब है कि साल 2022 में गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत को कथित तौर पर भारत निर्मित खांसी के सिरप से जोड़ा गया था, इसी बीच पिछले सप्ताह ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने जांच करने के बाद देश के 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस नकली दवाओं के निर्माण के लिए रद्द कर दिए।