https://hindi.sputniknews.in/20221227/gaambiya-vivaad-ke-baad-sarakaar-ne-dava-kaarakhaanon-ka-kiya-nireekshan-shuroo-271348.html
गाम्बिया विवाद के बाद सरकार ने दवा कारखानों का किया निरीक्षण शुरू
गाम्बिया विवाद के बाद सरकार ने दवा कारखानों का किया निरीक्षण शुरू
Sputnik भारत
भारत सरकार ने एक नई तरह की पहल शुरू की है। इस पहल के तहत पूरे देश भर में कुछ दवा कारखानों का निरीक्षण शुरू कर दिया है।
2022-12-27T19:48+0530
2022-12-27T19:48+0530
2023-01-17T15:43+0530
राजनीति
भारत
उज्बेकिस्तान
गाम्बिया
सिरप
अफ़्रीका
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/1b/273261_0:132:1601:1032_1920x0_80_0_0_f172b0221fd67745ee4700771594ace6.jpg
भारत सरकार ने एक नई तरह की पहल शुरू की है। इस पहल के तहत पूरे देश भर में कुछ दवा कारखानों का निरीक्षण शुरू कर दिया है।ऐसा इसलिए भी किया गया है क्योंकि यह भारतीय कंपनी की सिरप को गाम्बिया में मौतों से जुड़े होने के बाद उच्च मानकों को सुनिश्चित करने की कोशिश है।अफ्रीकी देश गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत हो जाने के बाद भारत की फार्मास्यूटिकल्स इंडस्ट्री की छवि धूमिल हो गई थी, हालांकि जांच में सरकार ने पाया कि नई दिल्ली स्थित मेडन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड द्वारा बनाई गई दवाइयों में कोई दिक्कत नहीं थी।वहीं दूसरी तरफ गाम्बिया की संसदीय समिति ने पिछले हफ्ते ही कहा था की मेडन कंपनी ही उनके यहां हुई 70 बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार थी और उन्होंने आग्रह किया कि सरकार उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।देश में स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो दवा बनाने के नियमों में कहीं ना कहीं थोड़ी ढील है, और यह उन राज्यों में ज्यादा देखा गया है जहां हजारों की तादाद में दवाइयों के कारखाने हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि गाना और स्विट्जरलैंड में मेडन के द्वारा अनुबंधित प्रयोगशालाओं में सिरप के अंतर्गत एथिलीन ग्लाइकोल और डायलिंग कोड जैसे दूषित पदार्थों के स्तर अधिक पाए गए हैं। इसके साथ साथ उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारतीय मैरियन बायोटेक के "डॉक् -1 मैक्स" सिरप और टैबलेट का परीक्षण शुरू किया, जिससे संभवतः 15 बच्चों की मौत हो गई, दवा की बिक्री निलंबित कर दी गई। बाद में, उज्बेकिस्तान के बच्चों के लोकपाल आलिया यूनुसोवा ने कहा कि तीव्र गुर्दे की विफलता से दवा लेने के बाद 18 बच्चों की मौत हो गई थी।
भारत
उज्बेकिस्तान
गाम्बिया
अफ़्रीका
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2022
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/1b/273261_0:0:1581:1186_1920x0_80_0_0_8fa4f596e82b6c6565c35350f4d88aac.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
धीरेंद्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/135790_0:0:719:720_100x100_80_0_0_8e4e253a545aa4453ae659b236312d73.jpg
दुनिया की फार्मेसी फार्मास्यूटिकल्स गाम्बिया विश्व स्वास्थ्य संगठन मेडन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड उज्बेकिस्तान
दुनिया की फार्मेसी फार्मास्यूटिकल्स गाम्बिया विश्व स्वास्थ्य संगठन मेडन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड उज्बेकिस्तान
गाम्बिया विवाद के बाद सरकार ने दवा कारखानों का किया निरीक्षण शुरू
19:48 27.12.2022 (अपडेटेड: 15:43 17.01.2023) भारत को दुनिया की फार्मेसी के रूप में जाना जाता है और देश का फार्मास्यूटिकल्स निर्यात पिछले एक दशक में दोगुने से अधिक बढ़कर पिछले वित्तीय वर्ष में 24.5 बिलियन डॉलर हो गया है।
भारत सरकार ने एक नई तरह की पहल शुरू की है। इस पहल के तहत पूरे देश भर में कुछ दवा कारखानों का निरीक्षण शुरू कर दिया है।
ऐसा इसलिए भी किया गया है क्योंकि यह भारतीय कंपनी की सिरप को गाम्बिया में मौतों से जुड़े होने के बाद उच्च मानकों को सुनिश्चित करने की कोशिश है।
अफ्रीकी देश गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत हो जाने के बाद भारत की फार्मास्यूटिकल्स इंडस्ट्री की छवि धूमिल हो गई थी, हालांकि जांच में सरकार ने पाया कि नई दिल्ली स्थित मेडन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड द्वारा बनाई गई दवाइयों में कोई दिक्कत नहीं थी।
वहीं दूसरी तरफ गाम्बिया की संसदीय समिति ने पिछले हफ्ते ही कहा था की मेडन कंपनी ही उनके यहां हुई 70 बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार थी और उन्होंने आग्रह किया कि सरकार उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।
देश में स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो दवा बनाने के नियमों में कहीं ना कहीं थोड़ी ढील है, और यह उन राज्यों में ज्यादा देखा गया है जहां हजारों की तादाद में दवाइयों के कारखाने हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि गाना और स्विट्जरलैंड में मेडन के द्वारा अनुबंधित प्रयोगशालाओं में सिरप के अंतर्गत एथिलीन ग्लाइकोल और डायलिंग कोड जैसे दूषित पदार्थों के स्तर अधिक पाए गए हैं।
इसके साथ साथ
उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारतीय मैरियन बायोटेक के "डॉक् -1 मैक्स" सिरप और टैबलेट का परीक्षण शुरू किया, जिससे संभवतः 15 बच्चों की मौत हो गई, दवा की बिक्री निलंबित कर दी गई। बाद में, उज्बेकिस्तान के बच्चों के लोकपाल आलिया यूनुसोवा ने कहा कि तीव्र गुर्दे की विफलता से दवा लेने के बाद 18 बच्चों की मौत हो गई थी।