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राष्ट्रीय मुद्राओं में भुगतानों पर काम किसी बाधा के बिना हो रहा है: SCO के महासचिव

शंघाई सहयोग संगठन एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 2001 में की गई थी। इस में भारत, रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
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झांग मिंग चीनी राजनीतिज्ञ और राजनयिक हैं। उन्होंने कीनिया में चीनी राजदूत के रूप में और यूरोपीय संघ में चीनी राजदूत के रूप में कार्य किया था। जनवरी 2022 में वे शंघाई सहयोग संगठन के महासचिव बने।
Sputnik को विशेष साक्षात्कार देते हुए शंघाई सहयोग संगठन के महासचिव झांग मिंग ने इस संगठन के विकास और भविष्य के बारे में बताया। इसके साथ उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन में आंतरिक साझेदारी पर और दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन के साथ इसके सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया।

SCO की साझी मुद्रा और राष्ट्रीय मुद्राओं में भुकतान

शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के केंद्रीय बैंकों के प्रतिनिधियों वाला विशेषज्ञों का समूह राष्ट्रीय मुद्राओं में भुकतानों की संख्या बढ़ाने पर काम कर रहा है।
इस संदर्भ में झांग मिंग ने कहा कि मौजूदा कठिन अंतरराष्ट्रीय स्थिति में वित्तीय क्षेत्र के सामने आए उथल-पुथल और चुनौतियों पर ध्यान देते हुए SCO के सदस्य देसजोन को इस पर और अधिक सक्रिय रूप से काम करना चाहिए।

"मैं चेतावनी देना चाहता हूं कि इस तरह सोचना नहीं चाहिए कि यह प्रक्रिया आसानी से पूरी की जाएगी। हल करने के लिए कई मुश्किल समस्याएं हैं, जिन में से कानून से संबंधित समस्याएं भी हैं। जरूरी है कि प्रत्येक कदम सभी शामिल लोगों की जरूरतों और क्षमताओं के अनुसार उठाया जाए। मुख्य बात यह है कि काम शांति से और किसी बाधा के बिना किया जा रहा है," उन्होंने बताया।

SCO की साझी मुद्रा बनाने को लेकर उन्होंने कहा कि इस तरह के विचार पर चर्चा नहीं की गई है।
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शंघाई सहयोग संगठन और दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन की साझेदारी

शंघाई सहयोग संगठन और दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन की साझेदारी को मजबूती देने पर टिप्पणी करते हुए झांग मिंग ने कहा कि उनके भू-राजनीतिक दृष्टिकोण और एजेंडे में बहुत साझी बातें हैं। उनके अनुसार इन संगठनों के बीच समझौता ज्ञापन पर 2005 में ही हस्ताक्षर किए गए थे।

उन्होंने कहा कि “मैं व्यापार, निवेश, यातायात, खाद्य सुरक्षा, उद्योग, उच्च प्रौद्योगिकी, छोटे और मध्यम उद्यमों के क्षेत्र में और आतंकवाद, उग्रवाद, अलगाववाद, नशीले पदार्थों की तस्करी, अंतर्राष्ट्रीय अपराध और अवैध प्रवास से लड़ाई में इस संगठन के साथ सहयोग विकसित करने की व्यापक संभावनाएं देखता हूं। प्राकृतिक और मानव निर्मित आपात स्थितियों की रोकथाम करने और हटाने के क्षेत्र में, पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की रोकथाम आदि के क्षेत्र में सहयोग की संभावना है।"

SCO में ईरान की सदस्यता

ईरान के शंघाई सहयोग संगठन का सदस्य बनने की प्रक्रिया के बारे में महासचिव ने बताया कि इस प्रक्रिया के लिए कोई कानूनी बाधा नहीं है।

उन्होंने बताया, “ईरानी पक्ष ने संगठन की समृद्धि को और क्षेत्र में स्थिरता और स्थायी आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के हित में सदस्य देशों के साथ सक्रिय सहयोग के लिए अपनी स्थिर प्रतिबद्धता दिखाई। मैं शंघाई सहयोग संगठन का सदस्य बनने से संबंधित घरेलू प्रक्रियाओं को पूरा करने पर ईरानी पक्ष के काम की अत्यधिक सराहना करता हूं। इसके साथ मैं एजेंडे के सभी मुद्दों को लेकर संगठन के जीवन में रचनात्मक और उपलब्धियों से भरी भागीदारी को लेकर तेहरान की चाहतों का समर्थन करता हूं।“

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SCO में आंतरिक साझेदारी

यह बताया जाता है कि SCO के सदस्य देश इंटरनेट पर आतंकवादी सामग्री को प्रतिबंधित करने के लिए नई परियोजना तैयार कर रहे हैं। इसको लेकर झांग मिंग ने कहा कि इस क्षेत्र में सदस्य राज्यों की व्यावहारिक साझेदारी की जा रही है।
“मैं विशेष रूप से आतंकवादी और अलगाववादी उद्देश्यों के लिए इंटरनेट के उपयोग की तलाश करने और खत्म करने के लिए SCO के सदस्य राज्यों के सक्षम विभागों के संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभ्यासों पर ध्यान देना चाहता हूँ,” उन्होंने कहा।
शंघाई सहयोग संगठन के आंतरिक सहयोग का एक और क्षेत्र खेल है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुछ समय पहले SCO और अन्य देशों के बीच प्रमुख खेल कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए इस संगठन के भीतर खेल संगठनों के संघ को स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था।
इस प्रस्ताव को लेकर SCO के महासचिव ने कहा कि नई दिल्ली में आयोजित की गई SCO के सदस्य देशों के खेल के विकास के लिए जिम्मेदार मंत्रालयों और विभागों के प्रमुखों की बैठक के दौरान इस पर चर्चा हुई थी।
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