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सोवियत नर्सें: महिलाएं, जिनकी मदद से भी महान विजय मिली

द्वितीय विश्व युद्ध ने सोवियत संघ को बड़ा नुकसान पहुंचाया था। सोवियत लोगों में से कोई ऐसा व्यक्ति नहीं था जिसने विजय के लिए कुछ नहीं किया। पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी युद्ध में भाग लेना पड़ा, इसलिए आज हम सोवियत नर्सों की विशेष भूमिका पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।
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1941 में युद्ध की भयानक शुरुआत से 1945 के विजयी वसंत तक सोवियत सैनिकों के साथ सोवियत डॉक्टरों और मेडिक्स ने युद्ध में हिस्सा लिया।
नर्सों पर बड़ा बोझ पड़ा, क्योंकि वे ही युद्ध से संबंधित भयों का सामना करते हुए सैनिकों को प्राथमिक उपचार प्रदान करती थीं, उन्हें युद्ध के मैदान से बाहर ले जाती थीं और यहाँ तक कि उन्हें अपने शरीर से गोलियों से बचाती थीं।
युद्ध के दौरान नर्सें अक्सर बिना आराम के कई दिनों से अधिक समय तक काम करती थीं, हर सैनिक के जीवन के लिए लड़ाई करती थीं।
अधिक जानने के लिए Sputnik के फ़ोटो गेलरी देखें!
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नर्स ऐलेना कोवलचुक युद्ध के मैदान से एक घायल सैनिक को बाहर ले जा रही है।

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लेनिनग्राद में सोशलिस्ट स्ट्रीट पर नर्सें गोलाबारी के पीड़ितों को प्राथमिक उपचार प्रदान कर रही हैं।

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पहले बाल्टिक मोर्चे पर चिकित्सा बटालियन की नर्स एक घायल सैनिक को उसके रिश्तेदारों को पत्र लिखने में मदद दे रही है।

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येकतेरीना मिखाइलोवा (डेमिना) चिकित्सा प्रशिक्षक और मरीन कॉर्प्स में सेवा करने वाली एकमात्र महिला थी, जिसे सोवियत संघ के हीरो का दर्जा दिया गया था।

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येकतेरीना मिखाइलोवा (डेमिना) ने वियना आक्रामक ऑपरेशन सहित बहुत लड़ाइयों में भाग लिया।

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नाजियों से सोवियत यूक्रेन की मुक्ति करने के दौरान नर्सें कीव के पास घायल सैनिकों को चिकित्सा सहायता प्रदान कर रही हैं।

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एक नर्स घायल आदमी को मदद देते हुए उसे आग से बचा रही है।

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सोवियत संघ के क्षेत्र में नाजियों और उनके साथियों का अत्याचार: स्पास-डेमेंस्क नामक गांव के पास नाजियों द्वारा एक नर्स को जिंदा जलाया गया था।

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फील्ड अस्पताल में जवानों का इलाज। 

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1941 में मास्को में रक्त आधान स्टेशन पर नर्सें।

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आधुनिक बेलारूस में पिंस्क के पास लड़ाई के दौरान नर्स घायल सैनिक को प्राथमिक उपचार प्रदान कर रही है।

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किशनीव/चिसिनाऊ के आसपास नाज़ी हवाई हमले के बाद नर्सें घायल सैनिकों को सहायता प्रदान कर रही हैं।

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द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नर्सों की एक तस्वीर।

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1941 में मास्को में नर्सें घायल सैनिकों के लिए फूल लाई हैं।

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बर्लिन की लड़ाई खत्म हो गई है। नर्सें घर जाने के लिए तैयार हैं।

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