अगर इन फोन नंबर की बात करें तो यह +254, +84, +63 या किसी और नंबर से भी शुरू हो सकते हैं।
"ये कॉल जो है, एक नया प्रकरण है। देखिये अगर हम फ़ोन की बात करें तो फ़ोन पर भी हमें कुछ फोन आ जाते हैं लेकिन अब क्योंकि रेग्युलेशन सख्त हो गया है और वह पक्का कर रहा है की आपके फ़ोन का दुरुपयोग ना हो। लिहाजा अब कंपनियां चाहती हैं कि,आपको वॉट्सऐप जैसे माध्यम से टारगेट किया जाए। तो बहुत सी कंपनियां आपको कॉल कर रही है, मिस्ड कॉल दे रही है कन्फर्म करने के लिए कि आप ये वॉट्सऐप इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं? इस बार कन्फर्मेशन हो जाएगी तो आप को टारगेट किया जाएगा, लेकिन उसी की आड़ में अब साइबर क्रिमिनल्स भी आप को टारगेट कर रहें हैं। अब विभिन्न राष्ट्रों के नंबर्स को लेते हैं और फिर उनसे आपको कॉल कराते हैं, कॉल शायद इंडिया से हो रहा होगा लेकिन आपको लगेगा कॉल ये कहीं और से आ रहा है या विदेश से आ रहा है," साइबर एक्सपर्ट डॉ.पवन दुग्गल ने Sputnik को बताया।
"इनका उद्देश्य बहुत सिम्पल है कि बहुत सारे लोग 10000 की जॉब के इस प्रलोभन के जाल में फंस जाएंगे, अगर आपने एक बार रिस्पॉन्ड किया फिर वो कहेंगे आप हमें डिटेल्स दीजिये, हमें थोड़ी प्रोसेसिंग फीस दे दीजिये फिर 4000 -5000 रुपए आपसे मांग लेंगे, कुछ में वह आपसे फाइनैंशल डिटेल्स ले लेंगे और फिर उसका दुरुपयोग करेंगे। दूसरी बात यह हैं कि वह कई बार इस तरह के मेसेजेस के साथ-साथ वो जान बूझ के वायरस भेज देते है। जिसकी मदद से आपका डेटा वह चुरा सकें, अब हमें समझना होगा कि यह साइबर क्राइम का एक नया पड़ाव है जो हमारे सामने आ रहा है और जितनी जल्दी हम सतर्क सावधान रहेंगे उतनी कम संभावनाएँ हैं कि हम इस साइबर क्राइम के शिकार होंगे," साइबर सुरक्षा कानून पर अंतरराष्ट्रीय आयोग के संस्थापक डॉ पवन दुग्गल से बात की।