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G7 के दौरान अमेरिका के खिलाफ जापान के लोगों ने क्यों किया प्रदर्शन?

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा पर दुनिया का पहला परमाणु बम गिराकर पूरे शहर को बर्बाद कर दिया। इस विस्फोट में 140,000 लोग मारे गए थे। तीन दिन बाद नागासाकी पर दूसरा बम गिराया गया, जिसमें 70,000 और मारे गए।
Sputnik
जापान के पश्चिमी शहर हिरोशिमा में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शनों के बीच सात G7 नेताओं का वार्षिक शिखर सम्मेलन शुरू हो गया।

हिरोशिमा हमले को लेकर प्रदर्शनकारी हिरोशिमा के फुनैरी दाइची पार्क में एकत्र हुए यह जगह शिखर सम्मेलन स्थल से दूर नहीं है। इस जगह कई अन्य लोगों भी अलग अलग मुद्दों पर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने शिखर सम्मेलन स्थल के चारों ओर रैली की और US साम्राज्यवादी नंबर एक आतंकवादी जैसे नारे भी लगाए।
विश्व
हिरोशिमा में G7 शिखर सम्मेलन और अमेरिका के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन
जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने अपने परमाणु अप्रसार प्रयासों को उजागर करने के लिए हिरोशिमा को चुना, प्रधानमंत्री का इस शहर से संबंध बहुत पुराना है।

उन्होंने शुक्रवार को शहर के पीस मेमोरियल पार्क में G7 के नेताओं का अभिवादन किया और अमेरिका द्वारा किये गए परमाणु हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके साथ गए। इसके बाद सभी परमाणु हमले से संबंधित संग्रहालय में प्रदर्शनी देखने के बाद हिरोशिमा परमाणु बमबारी से बचे एक व्यक्ति से मिले।

इसी बीच जापान के एक प्रदर्शनकारी ने आज हिरोशिमा में हुए एक विरोध प्रदर्शन को कवर करने के लिए Sputnik और रूस के एक रिपोर्टर को धन्यवाद किया।
"आप मीडिया की आजादी हैं, आपने हमें कवर किया..धन्यवाद..आजकल आपके पास बहुत कठिन समय है," प्रदर्शनकारी ने Sputnik को कहा।
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