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नैरोबी से केप टाउन तक: मास्को ने अफ्रीका के साथ सहयोग की पुनः पुष्टि की

रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने अपनी अफ्रीकी यात्रा को समाप्त कर दिया है। शीर्ष राजनयिक ने चार देशों का दौरा किया: केन्या, बुरुंडी, मोज़ाम्बिक और दक्षिण अफ्रीका।
Sputnik

नैरोबी को मास्को की सहायता

रूस और केन्या अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी कर रहे हैं, और उनके द्विपक्षीय व्यापार और आपसी निवेश को नया बढ़ावा दिया जा रहा है।
29 मई को रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव नैरोबी पहुंचे थे और बाद में इस देश के शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक की।
अपनी यात्रा के दौरान, रूसी विदेश मंत्री ने केन्या में मुफ्त रूसी कंसेंट्रेटेड उर्वरकों की आपूर्ति की घोषणा की।

बुरुंडियन ड्रम और तांगानिका झील

30 मई को रूसी प्रतिनिधिमंडल तांगानिका झील के तट पर स्थित बुरुंडी के हवाई अड्डे पहुंचा। उसका स्वागत स्थानीय ड्रम वादकों और नर्तकियों ने किया।
लवरोव ने Sputnik से कहा कि मास्को पूर्वी अफ्रीकी देश को परमाणु उद्योग विकसित करने में सहायता देगा और कि दोनों देशों ने इसे पूरा करने के लिए रोड मैप को तैयार किया है।
बुरुंडी में बैठक यूक्रेन में रूसी विशेष सैन्य अभियान के कारण मास्को से संबंध तोड़ने के लिए ग्लोबल साउथ पर पश्चिमी दबाव की स्थिति में हुई। हालाँकि, उस अफ्रीकी देश ने उस मांग का पालन करने से इनकार कर दिया।
बुरुंडी के विदेश मंत्री अल्बर्ट शिंगिरो ने कहा, "हम संप्रभु राष्ट्र हैं, इसलिए हम अपनी आबादी के हितों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने भागीदारों को चुन सकते हैं।"

मापुटो का दौरा

मंगलवार रात को रूसी प्रतिनिधिमंडल मोजांबिक की राजधानी पहुंचा। मापुटो में लवरोव के कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति, शीर्ष राजनयिकों और अन्य सरकारी अधिकारियों से बातचीत सम्मिलित थी।
लवरोव ने मोजाम्बिक के अपने समकक्ष के साथ बैठक के बाद कहा, "कई रूसी कंपनियां मोजाम्बिक बाजार में रुचि दिखा रही हैं।"
मास्को की अन्य योजनाओं में से रूस के कॉलेजों में पढ़ने वाले मोज़ाम्बिक के छात्रों के लिए कोटा को दोगुना बढ़ाने के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस देश के साथ सहयोग बढ़ाना है।

केप टाउन में ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की बैठक

केपटाउन रूसी प्रतिनिधिमंडल की अफ्रीकी यात्रा की अंतिम गंतव्य था। रूसी विदेश मंत्री लवरोव ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के साथ-साथ "ब्रिक्स के मित्रों" के साथ यानी इस संगठन में सम्मिलित होने के इच्छुक दर्जन से अधिक देशों के शीर्ष राजनयिकों के साथ बात करने के लिए पहुंचे।
उस बैठक के एजेंडे में समूह में सऊदी अरब को सम्मिलित करने की संभावना के साथ-साथ ब्रिक्स के सदस्यों के बीच राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार सहित वित्तीय मुद्दे सम्मिलित थे।
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