प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि G20 देश वैश्विक स्तर पर कौशल मानचित्रण कर सकते हैं, उन कमियों को चिन्हित कर सकते हैं जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है और अनुसंधान तथा नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
"आज कौशल और शिक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बड़ी संभावनाएं प्रदान करता है, अवसरों के साथ प्रौद्योगिकी चुनौतियां भी पेश करती है। हमें सही संतुलन बनाना होगा। G20 इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है," पीएम मोदी ने कहा।
दरअसल एजुकेशन वर्किंग ग्रुप ने चेन्नई, अमृतसर, भुवनेश्वर और पुणे में चार बैठकों के दौरान विविध वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए समावेशी समाधान खोजने और सामूहिक कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित किया है।
"G20 देश अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण में। मैं आप सभी से अनुसंधान सहयोग बढ़ाने का आग्रह करता हूं। यह बैठक हमारे बच्चों और युवाओं के भविष्य के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है," मोदी ने कहा।
इसके अलावा उन्होंने कहा "मुझे खुशी है कि समूह ने सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने के लिए डिजिटल परिवर्तन और महिला सशक्तिकरण को मुख्य उत्प्रेरक के रूप में पहचाना है। शिक्षा इन सभी प्रयासों के मूल में है। मुझे विश्वास है कि समूह एक समावेशी, क्रिया-उन्मुख और भविष्य के लिए तैयार शिक्षा एजेंडे के साथ सामने आएगा। इससे वसुधैव कुटुम्बकम की सच्ची भावना से पूरी दुनिया लाभान्वित होगी।"
बता दें कि G20 सदस्य देशों के मंत्री सम्मेलन के दौरान औपचारिक रूप से निष्कर्ष दस्तावेजों को स्वीकृति करेंगे, जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक रूपरेखा के तौर पर काम करेंगे।